सदर अस्पताल में अव्यवस्था पर युवा कांग्रेस का धरना जारी, अब अब करेंगे आमरण अनशन, तालाबंदी की चेतावनी

कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रहीं और डॉक्टरों का रवैया बेहद लापरवाह है. ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई किए बिना इस आंदोलन को समाप्त नहीं किया जाएगा.

 









                                           



- सदर अस्पताल की दुर्व्यवस्था पर प्रदर्शन, दोषी डॉक्टर के निलंबन की मांग
- युवा कांग्रेस का आंदोलन तेज, सिविल सर्जन कार्यालय में तालाबंदी की चेतावनी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर अस्पताल में डॉक्टरों की मनमानी और लचर व्यवस्था के खिलाफ युवा कांग्रेस का अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन भी अनवरत जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार और दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. युवा कांग्रेस ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को तुरंत पूरा नहीं किया गया, तो सिविल सर्जन कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी. साथ ही यह भी बताया गया कि शनिवार से आमरण अनशन शुरु किया जाएगा.

शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024 को युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज उपाध्याय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बक्सर के जिलाधिकारी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग रखी. उन्होंने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि अस्पताल की अव्यवस्था और मरीजों को हो रही असुविधा के लिए जिम्मेदार डॉक्टर डॉ. सेतुः सिंह को तत्काल निलंबित किया जाए. पंकज उपाध्याय ने कहा कि अस्पताल की समस्याओं का समाधान तभी संभव है, जब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उपाधीक्षक खुद जांच करेंगे, तो निष्पक्षता की उम्मीद कैसे की जा सकती है.

धरने का नेतृत्व कर रहे युवा कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मण ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रहीं और डॉक्टरों का रवैया बेहद लापरवाह है. ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई किए बिना इस आंदोलन को समाप्त नहीं किया जाएगा.

धरने को जिले के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. धरने में शामिल जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि परमानंद यादव, चौसा किसान समिति के अध्यक्ष रामप्रवेश यादव, समाजसेवी सुनील मिश्रा,  गिट्टू तिवारी, चौसा कांग्रेस अध्यक्ष राजा रमन पांडेय, महिमा उपाध्याय, निर्मला देवी, संजय प्रसाद, बाबर अली, और कमलेश पाल जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. सभी ने युवा कांग्रेस की इस मुहिम को सही ठहराते हुए कहा कि अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को सुधारने के लिए यह आंदोलन जरूरी है.

जिलाधिकारी ने प्रदर्शनकारियों से धरना समाप्त करने की अपील की और आश्वासन दिया कि मामले की जांच के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. हालांकि, प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों पर अडिग रहते हुए स्पष्ट किया कि जब तक दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं होती, धरना जारी रहेगा.

धरना स्थल पर मौजूद समाजसेवी सुनील मिश्रा ने कहा कि अस्पताल में मरीजों को न दवाइयां मिलती हैं और न ही जरूरी इलाज. डॉक्टरों का असंवेदनशील रवैया मरीजों की समस्याओं को और बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे.

युवा कांग्रेस द्वारा जिलाधिकारी को सौंपे गए मांग पत्र में अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार, दवाइयों और उपकरणों की उपलब्धता, दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई और अस्पताल प्रशासन में पारदर्शिता लाने की मांग की गई है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन और तेज होगा. अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है.










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