इस श्रम से अर्जित आय का एक हिस्सा अपराध से पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दिया जाता है. यह कार्य जिला स्तरीय अपराध पीड़ित कल्याण न्यास, बिहार, पटना के आदेशानुसार किया जाता है.
- बंदियों के श्रम से अर्जित राशि का पीड़ित परिवारों में वितरण
- साक्षरता, पुनर्वास और पुस्तकालय विस्तार पर विशेष जोर
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अपराध से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और बंदियों के पुनर्वास के उद्देश्य से बक्सर जिला प्रशासन द्वारा केंद्रीय कारा परिसर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के साथ-साथ जिले के कई प्रमुख अधिकारी शामिल हुए, जिनमें उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नेहा दयाल, उपनिदेशक प्रोबेशन, अधीक्षक केन्द्रीय कारा अधीक्षक ज्ञानिता गौरव, प्रोबेशन पदाधिकारी बक्सर एवं सासाराम, महिला मंडल कारा अधीक्षक बबिता कुमारी तथा सामान्य शाखा प्रभारी बक्सर प्रमुख थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि जो व्यक्ति अपराध करते हैं और जेल में सजा काटते हैं, उनसे सश्रम कारावास के दौरान श्रम कराया जाता है. इस श्रम से अर्जित आय का एक हिस्सा अपराध से पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दिया जाता है. यह कार्य जिला स्तरीय अपराध पीड़ित कल्याण न्यास, बिहार, पटना के आदेशानुसार किया जाता है.
उन्होंने यह आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन अपराध पीड़ित परिवारों और बंदियों के जीवन को सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा. उन्होंने कहा कि यह पहल समाज में न्याय और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
102 बंदियों के बीच 36.72 लाख रुपये का वितरण :
कार्यक्रम में, केन्द्रीय कारा, बक्सर के 102 बंदियों से संबंधित पीड़ित परिवारों को 36,72,763 रुपये की राशि के रेखांकित चेक प्रदान किए गए. यह राशि पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने यह भी बताया कि यह प्रक्रिया अपराध पीड़ित परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है.
स्मार्ट क्लास का उद्घाटन :
कार्यक्रम में बंदियों के साक्षरता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय कारा, बक्सर में "स्मार्ट क्लास" का उद्घाटन किया गया. इस स्मार्ट क्लास के माध्यम से बंदियों को इंटरनेट और रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण और शिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसका उद्देश्य बंदियों को नई स्किल्स सिखाना और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करना है.
प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र का वितरण :
आरसेटी बक्सर द्वारा प्रशिक्षित 35 बंदियों को उनके प्रशिक्षण के लिए प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए. यह प्रमाण-पत्र बंदियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सहायक होंगे और उनके पुनर्वास में मदद करेंगे.
कारा पुस्तकालय का विस्तार :
कार्यक्रम के दौरान बंदियों के पठन-पाठन के लिए कारा पुस्तकालय में 150 नई पुस्तकें भी वितरित की गईं. इन पुस्तकों का वितरण जिला पदाधिकारी और अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया. पुस्तकालय का उद्देश्य बंदियों को ज्ञान और शिक्षा के माध्यम से आत्म-सुधार का अवसर प्रदान करना है.
अधिकारियों की उपस्थिति और संदेश :
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, न्यायाधीश और अन्य अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए और प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि बंदियों को समाज में पुनः शामिल होने का अवसर भी देती है.
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