श्रीमद्भागवत कथा : पांचवे दिन वृंदावन में कान्हा की बाल्यावस्था और रासलीला प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

कथा के पाँचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल्यावस्था और वृंदावन की रासलीलाओं का जीवंत वर्णन किया गया. पीठाधीश्वर हिमांशु जी महाराज और सुखदेव जी महाराज ने आज की कथा में भगवान कृष्ण की नटखट बाल लीलाओं और उनकी गोपियों संग ठिठोली के प्रसंग सुनाए.











                                           


- श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन
- गोपियों संग रासलीला और राधा-कृष्ण की हंसी-ठिठोली ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : औद्योगिक क्षेत्र स्थित माँ काली मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के पाँचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल्यावस्था और वृंदावन की रासलीलाओं का जीवंत वर्णन किया गया. पीठाधीश्वर हिमांशु जी महाराज और सुखदेव जी महाराज ने आज की कथा में भगवान कृष्ण की नटखट बाल लीलाओं और उनकी गोपियों संग ठिठोली के प्रसंग सुनाए.

कथा के दौरान वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों के बीच की हंसी-ठिठोली पर चर्चा हुई. गोपियों के संग रास रचाने वाले कान्हा की मुरली की धुन, उनकी शरारतें, और राधा के साथ उनका खास लगाव सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए.

कथा में बताया गया कि भगवान कृष्ण राधा और गोपियों को रिझाने के लिए अलग-अलग तरीके से ठिठोली करते थे. कई बार वे छिप जाते, जिससे राधा जी बेचैन हो उठतीं..भगवान को उन्हें वापस लाने के लिए अपनी मुरली बजानी पड़ती. उनकी मुरली की धुन पर राधा और गोपियों का रास रचना किसी के लिए भी आनंद का कारण बनता.

श्रद्धालु हुए मंत्रमुग्ध :

कान्हा के बाल रूप और उनकी लीलाओं के वर्णन से श्रद्धालु भक्ति में डूब गए. संगीतमय कथा के दौरान बार-बार गूंजती मुरली की धुन और राधा-कृष्ण के रास के प्रसंगों ने माहौल को और भी भक्ति पूर्ण बना दिया.
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कार्यक्रम में रामशीष यादव, धनजी सिंह, सुशील राय, राजेश चौबे, संतोष सिंह, इंद्रजीत पाण्डेय, राजकमल सिंह, ऋषिकेश पाण्डेय, बम पाण्डेय, लक्ष्मण पाण्डेय, जितबहादुर दुबे, प्रफुल्ल दुबे, गुडलक सिंह, चंदन पाण्डेय, कर्मजीत पाण्डेय, ललन मिश्रा, सूरज, मनीष, प्रिंस, राजा, काली चौबे, नंदजी ओझा, विशाल, हर्षित समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। महिलाओं की बड़ी उपस्थिति ने कथा को और भी खास बना दिया.

कथा के समापन पर महाराज ने कहा कि राधा-कृष्ण की रासलीलाओं का श्रवण करना आत्मा को शुद्ध करने का माध्यम है. श्रद्धालुओं से आगामी दिनों में भी कथा में शामिल होकर भक्ति का लाभ उठाने की अपील की गई.











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