कहा कि आज बिहार में भाजपा के दो डिप्टी सीएम हैं लेकिन वह बिहार के लिए एक उपलब्धि भी नहीं बता सकते. बिहार से जो केंद्रीय मंत्री केंद्र में हैं वह भी बिहार के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की भूमिका पर सवाल पूछने पर उन्होंने उसे केवल इतना कहकर टाल दिया कि "छोड़िए जाने दीजिए."
- बक्सर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष ने साधा बिहार और केंद्र सरकार पर निशाना
- कार्यकर्ता संवाद करने पहुंचे तेजस्वी ने की नई अपने कार्यकाल की उपलब्धियां
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बक्सर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर गंभीर टिप्पणियां की. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में 20 साल से एक ही सरकार है, लेकिन राज्य का विकास कहीं दिखाई नहीं दे रहा. "अगर हम 20 साल तक एक ही ब्रांड का बीज बोते रहेंगे, तो न तो फसल आएगी और न ही जमीन की उर्वरता बची रहेगी. अब समय आ गया है कि नया बीज बोया जाए ताकि आने वाली नस्लों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके," तेजस्वी ने कहा.
यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि किसी हाल में अब वह जदयू के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इंडी गठबंधन केवल लोकसभा के लिए ही था विधानसभा के लिए नहीं.
उन्होंने कहा कि 20 साल तक नीतीश जी की सरकार बिहार में है और 11 साल से केंद्र में है लेकिन बिहार विकास के नाम पर पीछे ही जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात करते हैं लेकिन आज बिहार और केंद्र में उनकी सरकार होने के बावजूद पता नहीं क्यों वह विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिला पा रहे हैं?
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस प्रगति यात्रा पर निकले हैं उसका पूर्व में ही तीन-चार बार नाम बदल चुका है. अब इसे प्रगति नहीं दुर्गति यात्रा कहना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस यात्रा पर अब 25 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं जो कि अपने आप में एक सवाल है. क्योंकि मुख्यमंत्री बार-बार बिहार को गरीब राज्य कहते हैं.
भाजपा के उप मुख्यमंत्री नहीं गिना सकते एक भी उपलब्धि :
उन्होंने कहा कि आज बिहार में भाजपा के दो डिप्टी सीएम हैं लेकिन वह बिहार के लिए एक उपलब्धि भी नहीं बता सकते. बिहार से जो केंद्रीय मंत्री केंद्र में हैं वह भी बिहार के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की भूमिका पर सवाल पूछने पर उन्होंने उसे केवल इतना कहकर टाल दिया कि छोड़िए जाने दीजिए.
तेजस्वी ने गिनाई अपने कार्यकाल की उपलब्धियां :
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 17 महीने में उन्होंने 5 लाख नौकरियां दी थीं. तीन लाख नौकरियां अभी प्रक्रियाधीन हैं. इसके साथ ही पहली बार उन्होंने जातिगत जनगणना कराई. साथ ही आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75% की गई. इतना ही नहीं, खेल कोटे से 73 खिलाड़ियों को 'मेडल लाओ, नौकरी पाओ' के आधार पर नौकरी दी गई। 50 हजार करोड़ रुपये का एमओयू साइन कराया गया. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिलाया गया. 20 शहरों में एसटीपी योजना शुरू की गई जबकि विभिन्न कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई.
रिटायर्ड अधिकारी चला रहे हैं बिहार सरकार, खुद भी थक चुके हैं मुख्यमंत्री :
पत्रकार वार्ता के दौरान तेजस्वी लगातार सरकार को निशाने पर लेते रहे. उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार अब रिटायर्ड अधिकारी चला रहे हैं, चाहे वह मुख्य सचिव का पद हो अथवा डीजीपी का. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं भी टायर्ड हो चुके हैं. ऐसे में जनता को अब बदलाव करना चाहिए.
तेजस्वी यादव ने परीक्षाओं में हो रही नकल और उसको लेकर परेशान विद्यार्थियों के बारे में भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि पहले जहां गांधी मैदान में वह नियुक्ति पत्र बांटते थे, वहां आज बीपीएससी की परीक्षा थी और छात्र धरने पर बैठे हैं. नकल की बात केवल एक परीक्षा में नहीं बल्कि सभी परीक्षाओं में धीरे-धीरे सामने आ रही है.
लालू यादव ने पत्रकारों को चुप करने के लिए कही थी दरवाजा खुला होने की बात :
तेजस्वी यादव से जब यह कहा गया कि वह बार-बार कह रहे हैं कि वह जदयू के साथ नहीं जाएंगे, लेकिन उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने तो यह कहा है कि नीतीश जी के लिए उनका दरवाजा खुला हुआ है. इस पर वह क्या कहेंगे? तेजस्वी यादव ने कहा कि पत्रकारों के बार-बार सवाल पूछने पर उन्हें चुप करने के लिए लालू प्रसाद यादव के द्वारा ऐसा कहा गया था, जबकि इस तरह की कोई बात अब नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि अब जदयू बची ही नहीं है, वह तो भाजपा हो गई है.
तेजस्वी यादव ने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि वह सुबह विभिन्न जिलों में जा रहे हैं. वह प्रखंडों के साथ-साथ बूथ तक जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे और जनता की समस्याओं को जानेंगे. हालांकि इसके पूर्व भी कार्यकर्ता उन्हें जनता की समस्याओं से अवगत कराते रहे हैं.
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