टीआरई-3.0 अभ्यर्थियों के साथ अन्याय पर उबाल, बक्सर में विरोध मार्च

ऐसे में वे न तो शिक्षण कार्य सुचारू रूप से कर सकते हैं और न ही अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर सकते हैं. सरकार द्वारा तीन प्रखंडों का चयन करने का विकल्प दिया गया है, लेकिन जब अभ्यर्थी जिस जिले को जानते ही नहीं, वहां प्रखंड चुनने का क्या आधार हो सकता है?












                                           


सरकार पर सौतेले व्यवहार का आरोप, अभ्यर्थियों को गृह जिला देने की मांग
महिला एवं दिव्यांग अभ्यर्थियों की स्थिति पर गहरा असंतोष

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार सरकार द्वारा टीआरई-3.0 के शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रति किए जा रहे सौतेले व्यवहार के खिलाफ आज बक्सर में विरोध मार्च निकाला गया. भारत की जनवादी नौजवान सभा के नेता धीरेंद्र कुमार चौधरी और कांग्रेस नेता डॉ. सत्येंद्र कुमार ओझा की अगुवाई में यह मार्च सिंडिकेट नहर से शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क तक निकला. मार्च के उपरांत एक आमसभा का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए.

सरकार के रवैये पर उठे सवाल


सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता डॉ. सत्येंद्र कुमार ओझा ने कहा कि बिहार सरकार और उसके अधिकारी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में लगातार असमंजस की स्थिति बना रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर बिहार के अभ्यर्थियों को रोजगार से वंचित कर रही है और दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देकर उन्हें नौकरियां प्रदान कर रही है.

उन्होंने कहा कि हेडमास्टर, हेडटीचर और 1,90,000 शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग में पारदर्शिता नहीं है, जबकि टीआरई-3.0 के अभ्यर्थियों को जानबूझकर 300 से 500 किलोमीटर दूर के जिलों में नियुक्ति दी गई है. करीब 75% अभ्यर्थियों को गृह जिले से दूर भेजा गया है, जिससे वे मानसिक और पारिवारिक रूप से असंतुलित हो रहे हैं.

महिला अभ्यर्थियों और दिव्यांगों के लिए संकट


वक्ताओं ने इस बात पर भी रोष जताया कि सरकार महिला शिक्षकों और दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी दूर-दराज के जिलों में भेज रही है. ऐसे में वे न तो शिक्षण कार्य सुचारू रूप से कर सकते हैं और न ही अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर सकते हैं. सरकार द्वारा तीन प्रखंडों का चयन करने का विकल्प दिया गया है, लेकिन जब अभ्यर्थी जिस जिले को जानते ही नहीं, वहां प्रखंड चुनने का क्या आधार हो सकता है?

सरकार से मांग


संगठन के नेताओं ने मांग की कि हेडमास्टर, हेडटीचर और अन्य शिक्षकों की तरह टीआरई-3.0 के अभ्यर्थियों को भी गृह जिला आवंटित किया जाए. इससे वे मानसिक रूप से संतुलित होकर शिक्षण कार्य कर सकेंगे.

मौके पर उपस्थित लोग


इस अवसर पर एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव इशान त्रिवेदी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता त्रिलोकी मिश्रा, निहाल खान, महबूब आलम, लकी जायसवाल, उमेश कुमार, संजय यादव, लालू कुमार, दिनेश राम, अखिलेश कुमार, प्रिंस कुमार सहित बड़ी संख्या में अभ्यर्थी एवं नेता मौजूद रहे.











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