जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, जहां सड़कों पर टेंट लगाकर नमाजियों की सुविधा सुनिश्चित की गई. सुबह 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहा.
- विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में अकीदतमंदों ने झुकाया सिर
- जिलेवासियों, प्रदेश, देश और विश्व कल्याण की कामना
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: हर्षोल्लास और उत्साह के साथ ईद का पर्व जिलेभर में मनाया गया. मुस्लिम धर्मावलंबियों ने नमाज अदा कर पूरे विश्व में शांति और सद्भाव की कामना की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी. इस मौके पर नगर के विभिन्न ईदगाहों और मस्जिदों में विशेष इंतजाम किए गए थे. बड़ी संख्या में इबादतगारों की उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त रही.
ईद की नमाज को लेकर नगर में ट्रैफिक व्यवस्था में अस्थायी बदलाव किया गया. मेन रोड से सिंडिकेट नहर रोड तक वाहनों का परिचालन बंद रखा गया. जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, जहां सड़कों पर टेंट लगाकर नमाजियों की सुविधा सुनिश्चित की गई. सुबह 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहा.
नगर में विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद रहा. अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरज कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु शरण पांडेय, अंचलाधिकारी प्रशांत शांडिल्य, नगर थानाध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल सड़कों पर तैनात रहा. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नगर परिषद के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि नियामतुल्लाह फरीदी, रेडक्रॉस के सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी, साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक डॉ. दिलशाद आलम, प्रख्यात शायर साबित रोहतासवी, पूर्व वार्ड पार्षद डॉ निसार अहमद, अधिवक्ता मतिउर्रहमान, व्यवसायी सलीम जावेद, चिकित्सक डॉ मुर्शीद रजा, समाजसेवी हामिद रज़ा खान, अधिवक्ता हामिद रज़ा आदि ने लोगों को ईद की बधाई दी और आपसी भाईचारे की अपील की.
डॉ. श्रवण कुमार तिवारी ने कहा कि ईद भाईचारे और प्रेम का संदेश देने वाला पर्व है. हमें एक-दूसरे की मदद कर समाज में सद्भाव बनाए रखना चाहिए.
डॉ. दिलशाद आलम ने कहा कि यह त्योहार हमें आपसी एकता और सौहार्द का पाठ पढ़ाता है. सभी को मिलकर समाज को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए.
साबित रोहतासवी ने कहा कि ईद सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि इंसानियत और आपसी मोहब्बत की मिसाल है. हमें इसे पूरे दिल से अपनाना चाहिए.
अधिवक्ता मतिउर्रहमान ने कहा कि हमें इस पर्व की खुशी उन तक भी पहुंचानी चाहिए, जो जरूरतमंद हैं. यही सच्ची ईद की भावना है.
व्यवसायी सलीम जावेद ने कहा कि ईद का दिन हमें सिखाता है कि हम अपने आस-पास के लोगों का ख्याल रखें और समाज में प्रेम और शांति बनाए रखें.
नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने जिले, प्रदेश और देश के साथ-साथ विश्व की बेहतरी के लिए अल्लाह से दुआ मांगी. इस अवसर पर हर ओर उल्लास और भाईचारे का माहौल देखने को मिला.
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