गिट्टू तिवारी और संजय उपाध्याय ब्लैकमेलिंग में गिरफ्तार

गिट्टू तिवारी पीसी कॉलेज के पास का रहने वाला है और खुद को तिरंगा यात्रा का संयोजक तथा राष्ट्रवादी कार्यकर्ता बताकर समाज में पहचान बना चुका था. वहीं संजय उपाध्याय वीर कुंवर सिंह कॉलोनी का निवासी है. दोनों ने मिलकर अपने एक महिला साथी के साथ मिलकर एक युवक को ब्लैकमेल करने की साजिश रची थी.








                                           





    बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  शहर में राष्ट्रवाद और समाजसेवा की आड़ में एक शर्मनाक ब्लैकमेलिंग रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में दो युवकों को स्थानीय लोगों ने रंगे हाथों पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. यह घटना गुरुवार की शाम लगभग 4 बजे बंगाली टोला मोहल्ले में घटी, जहां कुछ दिन पहले से एक युवक को सोशल मीडिया के जरिए लगातार ब्लैकमेल किया जा रहा था. आरोपी फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर एक युवती की आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल कर फिरौती मांग रहे थे.

    गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान गिट्टू तिवारी उर्फ अरविंद तिवारी और संजय उपाध्याय के रूप में हुई है. गिट्टू तिवारी पीसी कॉलेज के पास का रहने वाला है और खुद को तिरंगा यात्रा का संयोजक तथा राष्ट्रवादी कार्यकर्ता बताकर समाज में पहचान बना चुका था. वहीं संजय उपाध्याय वीर कुंवर सिंह कॉलोनी का निवासी है. दोनों ने मिलकर अपने एक महिला साथी के साथ मिलकर एक युवक को ब्लैकमेल करने की साजिश रची थी.

    पीड़ित युवक आफताब आलम उर्फ जानू ने नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी में बताया कि उसकी मंगेतर और भगिना की कुछ निजी तस्वीरें एक फर्जी फेसबुक आईडी के जरिए वायरल कर दी गईं. इसके बाद उसे फोन कर धमकी दी गई कि यदि वह मांगी गई रकम नहीं देता, तो वीडियो और अन्य तस्वीरें सार्वजनिक कर दी जाएंगी. शुरुआत में उससे डेढ़ लाख रुपये की मांग की गई, लेकिन बाद में सौदा 28 हजार रुपये में तय हुआ.

    तैयारी के तहत आरोपी ने पहले आफताब से एक खाते में 100 रुपये ट्रांसफर करवाए, ताकि यह पुष्टि हो सके कि वह रकम देने के लिए तैयार है. जैसे ही आरोपी पैसे लेने मेहंदी वस्त्रालय के पास पहुंचे, पहले से मुस्तैद मोहल्ले के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस को सूचना देकर दोनों को नगर थाना लाया गया, जहां पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

    इस पूरे मामले में पटना की एक युवती का नाम भी सामने आया है, जिसे इस ब्लैकमेलिंग गिरोह की मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. पुलिस का मानना है कि उसी युवती ने निजी तस्वीरें जुटाई और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से उन्हें वायरल करने की योजना बनाई. फिलहाल पुलिस उस युवती की तलाश में पटना समेत अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है.

    नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराएं भी जोड़ी गई हैं. उन्होंने कहा कि यह साइबर ब्लैकमेलिंग का नया रूप है, जिसमें पहले किसी की निजी जानकारी और फोटो हासिल कर ली जाती है और फिर उसे वायरल करने की धमकी देकर रुपये वसूले जाते हैं.

    थानाध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस मामले की तह तक जाने और मास्टरमाइंड युवती को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित कर कार्रवाई कर रही है.

    इस घटना के बाद आम लोगों में भी सोशल मीडिया को लेकर सतर्कता बढ़ी है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध प्रोफाइल, मैसेज या गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि इस तरह की घटनाओं पर समय रहते रोक लगाई जा सके. यह मामला न सिर्फ साइबर अपराध का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज सेवा और राष्ट्रवाद की आड़ में कुछ लोग किस तरह समाज को गुमराह कर रहे हैं.

    इस घटना से सबक लेते हुए लोगों को अपनी निजी जानकारी और तस्वीरें सुरक्षित रखने और सोशल मीडिया के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है. साथ ही, समाज को ऐसे कथित राष्ट्रवादी चेहरों की असलियत को पहचानने की जरूरत है, जो छवि का लाभ उठाकर दूसरों को ब्लैकमेल करने से भी नहीं चूकते.










    Post a Comment

    0 Comments