चौदह डीजे संचालकों की डेढ़ दर्जन मशीनें जब्त, नियम तोड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

संचालकों का कहना है कि वे प्रशासन और पूजा समिति—दोनों के बीच फंस जाते हैं. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह पूजा समितियों को भी सख्ती से निर्देशित करे ताकि वे नियमों के अनुरूप ही कार्यक्रमों का आयोजन करें.










                                           



- महावीरी पूजा में बजाई गईं प्रतिबंधित डीजे मशीनें, अलग-अलग थानों में दर्ज हुई प्राथमिकी
- रामनवमी को लेकर भी जारी किए गए निर्देश, उल्लंघन पर होगी सख्ती

बक्सर टॉप न्यूज़, महावीरी झंडा जुलूस के दौरान सरकारी दिशानिर्देशों की अनदेखी कर डीजे बजाने वाले संचालकों पर पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है. जिला प्रशासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद कई स्थानों पर डीजे बजाए गए. इस मामले में पुलिस ने चौदह डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए डेढ़ दर्जन से अधिक डीजे मशीनें जब्त की हैं. जिले के अलग-अलग थानों में इन संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है, आगे भी ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाए जाएंगे.

सूत्रों के अनुसार, महावीरी पूजा से पहले जिले के विभिन्न थानों में डीजे संचालकों के साथ बैठकें की गई थीं. इन बैठकों में स्पष्ट रूप से डीजे बजाने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए थे, जिन्हें सभी संचालकों को मानना था. कुछ डीजे संचालक तो बैठक में पहुंचे ही नहीं, जबकि जिन लोगों ने उपस्थित होकर सहमति जताई, उन्होंने भी नियमों की अवहेलना की. जुलूस के दौरान कई स्थानों पर डीजे बजाए गए, जिससे प्रशासनिक आदेशों की धज्जियां उड़ गईं.

सदर अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि डीजे की तेज आवाज से न केवल ध्वनि प्रदूषण होता है बल्कि इससे आमजन को भी परेशानी होती है. विशेषकर धार्मिक जुलूसों में जब भीड़ अधिक होती है, तो डीजे की तेज ध्वनि कई बार अव्यवस्था का कारण बनती है. इसी कारण जिला प्रशासन ने डीजे बजाने पर नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसका पालन न करना कानूनन अपराध है.

सभी पर्व त्योहारों पर होती रहेगी कार्रवाई 

उन्होंने स्पष्ट किया है कि आगामी रामनवमी पर्व को लेकर भी डीजे बजाने के नियम तय किए गए हैं. यदि कोई भी डीजे संचालक इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ भी वैसी ही सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई केवल महावीरी पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि अब हर पर्व-त्योहार पर नियमों का उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाया जाएगा.

पूजा समिति के लोग बनाते हैं तेज आवाज में डीजे बजाने का दबाव

इस बीच कुछ डीजे संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बार पूजा समितियां ही डीजे बजवाने के लिए उन पर दबाव बनाती हैं. जब वे समिति की बात नहीं मानते तो तयशुदा भुगतान में भी परेशानी खड़ी की जाती है. संचालकों का कहना है कि वे प्रशासन और पूजा समिति—दोनों के बीच फंस जाते हैं. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह पूजा समितियों को भी सख्ती से निर्देशित करे ताकि वे नियमों के अनुरूप ही कार्यक्रमों का आयोजन करें.

फिलहाल पुलिस ने जब्त की गई डेढ़ दर्जन डीजे मशीनों को थानों में सुरक्षित रखा है और संचालकों को आगे किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी गई है.










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