बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शिरकत करते हुए स्वतंत्रता संग्राम के इस महानायक को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस अवसर पर उन्होंने न सिर्फ वीर बांकुड़ा को नमन किया, बल्कि युवाओं को प्रेरित करते हुए एक नये बिहार के निर्माण का आह्वान भी किया.
- नगर भवन बक्सर में हुआ भव्य आयोजन, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया संबोधित
- वीरता और विरासत की प्रेरणा से गूंजा मंच, लिया गया स्वच्छ और सशक्त बिहार का संकल्प
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर भवन का प्रांगण रविवार को वीरता, प्रेरणा और संकल्प की भावनाओं से भर उठा, जब वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शिरकत करते हुए स्वतंत्रता संग्राम के इस महानायक को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस अवसर पर उन्होंने न सिर्फ वीर बांकुड़ा को नमन किया, बल्कि युवाओं को प्रेरित करते हुए एक नये बिहार के निर्माण का आह्वान भी किया.
उन्होंने कहा कि 1857 का संग्राम सिर्फ एक बगावत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को झकझोरने वाला आंदोलन था, जिसमें वीर कुंवर सिंह ने 80 वर्ष की आयु में भी अद्भुत शौर्य और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया. उन्होंने अंग्रेजों को कई मोर्चों पर पराजित कर यह सिद्ध कर दिया कि जब संकल्प मजबूत हो, तो उम्र बाधा नहीं बनती.
उपमुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह से अपील की कि आज जब हम स्वतंत्र हैं, तब हमें कुंवर सिंह जैसे महापुरुषों की प्रेरणा लेकर बिहार को नशा मुक्त, अपराध मुक्त और विरासत युक्त राज्य बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा के प्रतीक हैं, जिनका साहस आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देता रहेगा.
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं वीर कुंवर सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि से हुई. मंच पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों में दीघा के विधायक संजीव चौरसिया, भाजपा के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, पूर्व विधायक संजय टाइगर, दिलमानो देवी, जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन, संतोष रंजन राय एवं प्रदीप दूबे शामिल रहे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन ने की, जबकि संचालन संयोजक राजीव रंजन सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन गोविंद सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया.
पूरा समारोह न सिर्फ एक श्रद्धांजलि था, बल्कि यह भविष्य की दिशा में एक संकल्प भी बन गया—जहां वीरता की गाथा से प्रेरित होकर हर नागरिक नशा, अपराध और जातिवाद से मुक्त बिहार की ओर कदम बढ़ाए.
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