कहा कि आज की मेडिकल साइंस ने बहुत कुछ कर लिया है, लेकिन खून अब भी नहीं बनाया जा सका है. इसलिए रक्तदान सबसे बड़ा दान है.
- विश्व रक्तदाता दिवस पर जे.के. हॉस्पिटल में 12 लोगों ने किया रक्तदान
- सम्मान समारोह में प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र देकर जताया गया आभार
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को अहिरौली स्थित जे.के. हॉस्पिटल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मां तपेश्वरी देवी ब्लड सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में कुल 12 रक्तवीरों ने रक्तदान किया. कार्यक्रम की शुरुआत अहमदाबाद विमान हादसे में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट के मौन के साथ की गई.
शिविर का संचालन डॉ. रितेश चौबे ने किया. इस दौरान डॉ. सी.एम. सिंह ने रक्तदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया. डॉ. वी.के. सिंह ने 'हर संभव ब्लड बक्सर' और सभी रक्तवीरों को हरसंभव सहयोग देने की बात कही. डॉ. मेजर पी.के. पांडेय ने कहा कि रक्तदाताओं के बिना कोई ब्लड बैंक नहीं चल सकता. ऐसे महान लोगों का सम्मान जरूरी है.
डॉ. राजीव झा ने कहा कि आज की मेडिकल साइंस ने बहुत कुछ कर लिया है, लेकिन खून अब भी नहीं बनाया जा सका है. इसलिए रक्तदान सबसे बड़ा दान है. डॉ. आर.एन. तिवारी ने इसे 'महादान' बताते हुए रक्तदाताओं को 'जीवनदाता' कहा. शिविर के अंत में डॉ. रितेश चौबे ने सभी रक्तदाताओं का धन्यवाद किया.
शाम 5 बजे मां तपेश्वरी देवी ब्लड सेंटर में रक्तदाता सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान 40 रक्तदाताओं को अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. सम्मान प्राप्त करने वालों में नसीम नायक, प्रभा रंजन, प्रविव रंजन, रविशंकर शर्मा, अखिलेन्द्र चौबे, प्रियेश, संतोष चौबे, अभिषेक लोहिया, राजा बाबू, छोटू गुप्ता, चंदन चौधरी, जीतेंद्र चौधरी, विनय साहनी, आत्मानंद पांडेय और सौरभ टिबरीवाल समेत कई नाम शामिल हैं.
इस अवसर पर डॉ. शैलेश राय ने सभी रक्तदाताओं के स्वस्थ भविष्य की कामना की. वहीं डॉ. दिलशाद आलम ने कहा कि असली जीवनदाता रक्तदाता ही होते हैं, डॉक्टर तो केवल माध्यम हैं. कार्यक्रम में रोटेरियन सुमित मानशिंका, समाजसेवी नंद जी चौबे समेत कई लोग उपस्थित रहे.
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