महागठबंधन के बिहार बंद का दिखा मिला-जुला असर, ज्योति प्रकाश चौक पर बैठे सदर, राजपुर और डुमरांव विधायक ..

कहा कि यह लड़ाई लोकतंत्र, संविधान और जनता के अधिकारों की रक्षा की है, जिसमें हम सब एकजुट हैं. उन्होंने बंद में आम लोगों की भागीदारी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि जनता अब सरकार की नीतियों को समझ चुकी है.










                                           





- मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ किया गया था बंद बंद
- कांग्रेस, राजद भाकपा-माले समेत गठबंधन के सभी घटक दल हुए शामिल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ इंडी गठबंधन द्वारा आहूत बिहार बंद का मिला जुला असर बुधवार को बक्सर जिले में देखने को मिला. कांग्रेस, राजद, भाकपा-माले समेत गठबंधन के सभी घटक दलों ने शहर के ज्योति चौक, सारीमपुर, गोलंबर के साथ ही जिले के ब्रह्मपुर चौराहा, डुमरांव, सिमरी और राजपुर सहित प्रमुख स्थानों पर चक्का जाम किया. इस दौरान पहले से ही अधिकांश निजी विद्यालयों ने छुट्टी की घोषणा कर दी थी वहीं सड़क पर भी वाहन कम ही नज़र आए. कुछ दुकानें भी बंद रखी गयी लेकिन दिन में तकरीबन 12 बजे के बाद कार्यकर्ता सड़क से हट गए और बंद का असर भी खत्म हो गया.

बक्सर बंद का नेतृत्व बक्सर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने किया. वह ज्योति प्रकाश चौक पर सड़क के बीचोबीच बैठ गए उनके साथ राजपुर विधायक विश्वनाथ राम, डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह व महागठबंधन के तमाम नेता-कार्यकर्ता भी मौजूद थे. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा और संघ के इशारे पर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ वोट की चोरी नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य की भी लूट है.

मौके पर मौजूद डॉ. संजय पांडेय ने कहा कि यह लड़ाई लोकतंत्र, संविधान और जनता के अधिकारों की रक्षा की है, जिसमें हम सब एकजुट हैं. उन्होंने बंद में आम लोगों की भागीदारी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि जनता अब सरकार की नीतियों को समझ चुकी है.

इसी तरह भाकपा-माले के नेतृत्व में डुमरांव विधायक डॉ. अजीत कुमार सिंह, जिला सचिव नवीन कुमार सहित कार्यकर्ताओं ने ज्योति चौक पर घंटों चक्का जाम कर विरोध दर्ज कराया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह विशेष गहन पुनरीक्षण गरीबों, मजदूरों और अल्पसंख्यकों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश है. उन्होंने इसे एनआरसी लागू करने का छुपा प्रयास बताया.

वक्ताओं ने कहा कि जिन कागज़ों से अन्य योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है, उन्हें चुनाव आयोग अमान्य घोषित कर रहा है और पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र जैसे कागज़ मांग रहा है, जो बिहार जैसे राज्य में गरीबों के लिए जुटाना कठिन है.

इस अवसर पर राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह, पूर्व सांसद तेजनारायण सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद नागेंद्र नाथ ओझा, डुमरांव विधायक डॉ. अजीत कुमार सिंह, राजपुर विधायक विश्वनाथ राम, कामेश्वर पांडेय, टी एन चौबे, बबलू यादव, सत्येंद्र यादव, कृष्णा तिवारी, लालबाबू यादव, रेखा देवी, श्वेता पाठक, संध्या पाल, राजदेव सिंह, कन्हैया पासवान, नारायण दास, जागनारायण यादव, ओमप्रकाश सिंह, रामशंकर कुशवाहा, भोला ओझा, विनय सिंह, त्रिलोकी नाथ मिश्रा, ओमप्रकाश माली, हीरामन राम, संतोष भारती सहित इंडी गठबंधन के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे.









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