उपस्थित पेंशनधारियों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की और इसे ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह आर्थिक सहयोग उनके जीवन में स्थिरता और आत्मसम्मान लाने का कार्य करेगा.
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नगर भवन में मौजूद लाभार्थी |
- बक्सर जिले के 1.90 लाख पेंशनधारियों को भेजे गए 21.64 करोड़ रुपये
- नगर भवन में हुआ भव्य आयोजन, 800 से अधिक लाभुक हुए शामिल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार सरकार ने वृद्ध, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारियों को बड़ी राहत देते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह कर दिया है. यह नई राशि जून 2025 से ही लागू की गई है. शुक्रवार 11 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी पेंशनधारियों के बैंक खातों में बढ़ी हुई राशि का सीधा अंतरण किया.
बक्सर जिला मुख्यालय स्थित नगर भवन में इस अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह की उपस्थिति में लगभग 800 पेंशनधारी शामिल हुए. मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
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कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष डीएम, डीडीसी व एसडीएम |
बक्सर जिले के कुल 1,90,061 पेंशनधारियों के खाते में 1100 रुपये की दर से कुल 21 करोड़ 64 लाख 64 हज़ार 400 रुपये की राशि भेजी गई. कार्यक्रम का आयोजन न केवल जिला मुख्यालय पर, बल्कि सभी 11 प्रखंडों, 136 ग्राम पंचायतों और 1142 राजस्व गांवों में भी किया गया.
योजनावार लाभार्थियों की संख्या और राशि का विवरण इस प्रकार है :
- मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना: 83,826 लाभार्थी – 9.25 करोड़ रुपये
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना: 62,846 लाभार्थी – 6.91 करोड़ रुपये
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना: 6,608 लाभार्थी – 72.70 लाख रुपये
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना: 1,430 लाभार्थी – 15.73 लाख रुपये
- लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना: 17,690 लाभार्थी – 1.94 करोड़ रूपये
- बिहार निःशक्तता पेंशन योजना: 18,216 लाभार्थी – 2 करोड़ रुपये से अधिक
कार्यक्रम में उपस्थित पेंशनधारियों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की और इसे ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह आर्थिक सहयोग उनके जीवन में स्थिरता और आत्मसम्मान लाने का कार्य करेगा.
राज्य सरकार की नीति ‘न्याय के साथ विकास’ के तहत यह पहल समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मुख्यमंत्री के इस फैसले से सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को नई गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
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