विश्वमित्र सेना के बाद अब बक्सर उत्थान मंच ने की खुले में मांस बिक्री पर रोक की मांग ..

कहा कि सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से होने जा रही है और लाखों कांवरिया भगवान शिव के दर्शन के लिए बक्सर पहुंचेंगे. ऐसे में नगर में चौक-चौराहों और सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से संचालित मांस-मछली की दुकानों से धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. 









                                           


  • संयोजक मुकुंद सनातन ने धार्मिक नगरी की गरिमा की रक्षा की उठाई मांग
  • जिला अध्यक्ष इंद्रजीत चौबे ने नगर विकास की दिशा में उठाए सवाल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बक्सर उत्थान मंच के बैनर तले सोमवार को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को एक 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया. मंच के संयोजक मुकुंद सनातन ने यह ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि नगर क्षेत्र में सार्वजनिक स्थलों और मुख्य मार्गों पर खुलेआम बिक रहे मांस, मुर्गा और मछली की दुकानों को अविलंब बंद कराया जाए. उन्होंने कहा कि बक्सर एक धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी है, जो वेदों और पुराणों में वर्णित भगवान वामन की जन्मस्थली, श्रीराम की कर्मस्थली और विश्वामित्र की तपोभूमि रही है. ऐसे में यहां खुले में मांस बेचना धार्मिक आस्था पर कुठाराघात है. इसके पूर्व विश्वामित्र सेना ने भी खुले में मांस बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसके आलोक में रामनवमी के दौरान खुले में मांस बिक्री पर रोक लगाई गई थी, लेकिन एक बार फिर खुले में मांस की बिक्री शुरु हो गई है.

मुकुंद ने कहा कि सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से होने जा रही है और लाखों कांवरिया भगवान शिव के दर्शन के लिए बक्सर पहुंचेंगे. ऐसे में नगर में चौक-चौराहों और सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से संचालित मांस-मछली की दुकानों से धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. उन्होंने मांग की कि सभी मांस विक्रेताओं को नगर परिषद द्वारा निर्धारित वेंडिंग जोन में ही दुकानें लगाने के निर्देश दिए जाएं.

मंच के जिला अध्यक्ष इंद्रजीत चौबे ने नगर की विकास योजनाओं को लेकर असंतोष जताया. उन्होंने कहा कि बक्सर केवल एक जिला नहीं, बल्कि बिहार की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में पहचाना जाता है. बावजूद इसके, यहां विकास की गति अत्यंत धीमी है. कुछ वार्डों में सड़कों और नालियों के निर्माण मात्र से विकास नहीं माना जा सकता. जनता की मूलभूत सुविधाएं और धार्मिक आस्थाओं की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है.

ज्ञापन में मंच ने 11 प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें नगर के सभी 42 वार्डों में बंद स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, धार्मिक स्थलों की नियमित सफाई, नियमित ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, दो नगर बस सेवाओं का संचालन, जयप्रकाश बस अड्डा का जीर्णोद्धार, सफाई कर्मियों को तय मजदूरी और स्वास्थ्य सुविधा, स्थायी लेबर चौक की स्थापना, नगर परिषद की बैठकों का ऑनलाइन प्रसारण, विकास कार्यों का सार्वजनिक प्राक्कलन बोर्ड, नगर के बाहर कचरा डंपिंग व्यवस्था और सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय व पेयजल की स्थायी व्यवस्था शामिल हैं.

मंच ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है, तो संगठन लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा.

ज्ञापन सौंपने के दौरान ओमकार गुप्ता, तुलसी चौधरी, आदित्य उपाध्याय, बृजेश चौधरी, महावीर गुप्ता और संजय चौबे सहित कई सदस्य उपस्थित रहे.












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