सोमवार की शाम बक्सर में हुई भारी बारिश के बाद पांडेय पट्टी का बड़ा इलाका फिर से जलमग्न हो गया. यहां की गलियों और मुख्य मार्गों पर पानी भर गया. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि अंडरग्राउंड घरों तक पानी प्रवेश कर गया.
- बारिश के बाद अंडरग्राउंड में घुसा पानी, एफसीआई और ठाकुरबाड़ी रोड बना झील जैसा दृश्य
- बाजार समिति रोड के नाले से नहीं हुआ संपर्क, वर्षों पुरानी समस्या अब भी बरकरार
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर प्रखंड अंतर्गत पांडेय पट्टी के लोगों को वर्षों से जलजमाव की जो समस्या झेलनी पड़ रही थी, उसका समाधान रेलवे द्वारा नाला निर्माण के रूप में सामने आया था. लेकिन यह समाधान अधूरा साबित हो रहा है. रेलवे ट्रैक के नीचे से बनाया गया 17 मीटर लंबा अंडरग्राउंड नाला अभी तक बाजार समिति रोड के मुख्य नाले से नहीं जुड़ पाया है, जिसके कारण जलनिकासी का मार्ग अब भी अवरुद्ध बना हुआ है. स्नालय का निर्माण के लिए नगर परिषद के द्वारा 79 लाख रुपये खर्च किए गए जबकि इसका निर्माण रेलवे ने कराया.
सोमवार की शाम बक्सर में हुई भारी बारिश के बाद पांडेय पट्टी का बड़ा इलाका फिर से जलमग्न हो गया. यहां की गलियों और मुख्य मार्गों पर पानी भर गया. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि अंडरग्राउंड घरों तक पानी प्रवेश कर गया. वहीं एफसीआई रोड और ठाकुरबाड़ी रोड पर तो झील जैसा नजारा दिखा. लोग घरों में कैद होकर रह गए और दैनिक आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया.
रेलवे द्वारा बन रहे नाले के निर्माण कार्य में तकनीकी दक्षता तो दिखाई गई, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि नाला निर्माण की योजना को पूर्णता देने के लिए इससे बाजार समिति रोड के नाले से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है. जब तक यह जुड़ाव नहीं होता, तब तक पानी की निकासी संभव नहीं है और स्थिति जस की तस बनी रहेगी.
गौरतलब है कि इस नाले के निर्माण के लिए पांडेय पट्टी के लोगों ने वर्षों तक संघर्ष किया. जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण जब कोई समाधान नहीं मिला तो स्थानीय लोगों ने पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे और नगर परिषद के संयुक्त समन्वय से यह निर्माण कार्य शुरू हुआ.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार नाले का निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अंतिम और सबसे अहम चरण – यानी मुख्य नाले से इसका जोड़ – अभी लंबित है. लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस नाले को बाजार समिति रोड के नाले से जोड़ा जाए, ताकि इस बरसात में वे जलजमाव से राहत पा सकें.
स्थानीय लोग उम्मीद में हैं, लेकिन फिलहाल समस्या जस की तस बनी हुई है.
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