डुमरांव विधानसभा : 2025 चुनाव में सियासी जंग तेज, महागठबंधन-एनडीए आमने-सामने, पैराशूट प्रत्याशी भी चर्चा में ..

एक नेता बंद गाड़ियों में घूम-घूमकर अपनी मौजूदगी दिखा रहे हैं, लेकिन उनके साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं का साथ नहीं दिखता. वहीं कोई बड़े होटलों में भोज कराकर समर्थकों को जोड़ने की कोशिश हो रही है, लेकिन वहां से कई लोग भूखे लौटने की चर्चा भी बाजार में गर्म है. 




                                         






- डुमरांव सीट पर संभावित उम्मीदवारों की लंबी सूची, कई नए चेहरे मैदान में
- बंद गाड़ियों और होटल भोज से बढ़ी पैराशूट प्रत्याशियों की हलचल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी चरम पर है और डुमरांव विधानसभा सीट (क्रमांक-201) पर इस बार महागठबंधन और एनडीए आमने-सामने हैं. जनसुराज पार्टी समेत अन्य दल भी सक्रिय हैं, जिससे मुकाबला और रोचक हो गया है. यह सीट ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जाती है, जहां कभी कांग्रेस का दबदबा रहा, लेकिन अब समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं.

पैराशूट प्रत्याशियों की चर्चा

इस बार चुनावी माहौल में पैराशूट प्रत्याशियों की भी खूब चर्चा है. बड़े पार्टी के बड़े नेता के पुत्र रहे एक नेता बंद गाड़ियों में घूम-घूमकर अपनी मौजूदगी दिखा रहे हैं, लेकिन उनके साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं का साथ नहीं दिखता. वहीं कोई बड़े होटलों में भोज कराकर समर्थकों को जोड़ने की कोशिश हो रही है, लेकिन वहां से कई लोग भूखे लौटने की चर्चा भी बाजार में गर्म है. जनता का कहना है कि जो उम्मीदवार अभी से स्थानीय जनता और कार्यकर्ताओं का ख्याल नहीं रख पा रहे, वे चुनाव जीतकर जनता की कितनी सेवा कर पाएंगे, यह सोचने वाली बात है.

एनडीए के संभावित चेहरे

बीजेपी से जितेंद्र सिंह उर्फ कतवारु सिंह और रामकुमार सिंह का नाम आगे है. लोजपा (रा.) से सोनू सिंह और अखिलेश सिंह दावेदार हैं. जदयू से अंजुम आरा, विनोद राय, संजय सिंह और रवि उज्ज्वल टिकट की दौड़ में शामिल हैं. 

महागठबंधन और अन्य दल

राजद की ओर से पप्पू यादव, अखिलेश सिंह यादव और रामजी सिंह यादव मजबूत दावेदार बताए जा रहे हैं. भाकपा माले यदि मौजूदा विधायक डॉ. अजीत कुशवाहा को बदलती है तो संजय शर्मा को मौका मिल सकता है. रालोमो से अरविंद प्रताप शाही और निर्दलीय राजनीति से जुड़े ददन पहलवान भी मैदान में हो सकते हैं.

जनसुराज पार्टी की ओर से डुमरांव राजपरिवार के शिवांग विजय सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता रवि सिन्हा का नाम टिकट की दौड़ में सबसे आगे है.

2020 का जनादेश

पिछले चुनाव में भाकपा माले के डॉ. अजीत कुशवाहा ने 71,320 वोट पाकर एनडीए की अंजुम आरा को हराया था. एनडीए को 46,905 वोट मिले थे, जबकि रालोसपा के बंटी शाही को 11,517 मत हासिल हुए थे.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1951 से लेकर 80 के दशक तक कांग्रेस का दबदबा रहा. सरदार हरिहर सिंह, गंगा प्रसाद सिंह और विजय नारायण भारती जैसे नेताओं ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. 1990 के बाद यहां क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों का दबदबा बढ़ा.

डुमरांव की सियासत में पैराशूट प्रत्याशियों की भूमिका इस बार सबसे अलग है. बंद गाड़ियों में सड़कों पर घूमना और होटलों में भोज कराना शायद उनके लिए चुनावी जमीन तैयार करने का जरिया है. लेकिन जनता का व्यंग्य है कि “नेताओं के साथ अगर कार्यकर्ता नहीं और भोज के बाद पेट खाली रहे तो ऐसे नेता जनता का पेट कब भर पाएंगे?” यही सवाल मतदाताओं के मन में गूंज रहा है.

(नोट : संभावित प्रत्याशियों की जानकारी केवल स्थानीय चर्चाओं के आधार पर दी गई है किसी पार्टी की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई है.)








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