बक्सर में अनुकंपा आश्रितों की नियुक्ति अधर में लटकी ..

बावजूद इसके नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया. नाम न छापने की शर्त पर एक आश्रित ने बताया कि जब इस विषय पर शिक्षा विभाग के एक वरीय अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अभद्रता भी की.




                                         






- मुख्यमंत्री द्वारा पत्र वितरण के बाद भी बक्सर में नहीं मिली बहाली
- विभागीय लापरवाही से नाराज आश्रित बोले- अब धैर्य खो रहा है


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शिक्षा विभाग के अनुकंपा आश्रित अब भी नियुक्ति के लिए दर-दर भटक रहे हैं. बीते 19 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अनुकंपा आश्रितों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया था, लेकिन बक्सर जिले में 170 अनुकंपा आश्रितों को अब तक बहाली का इंतजार है. 

अनुकंपा आश्रितों का कहना है कि दो बार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो चुका है. यहां तक कि ओरिजनल कागजात भी शिक्षा विभाग को सौंप दिए गए, बावजूद इसके नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया. नाम न छापने की शर्त पर एक आश्रित ने बताया कि जब इस विषय पर शिक्षा विभाग के एक वरीय अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अभद्रता भी की.

आश्रितों का कहना है कि वे अब धैर्य खोने लगे हैं. वर्षों से नियुक्ति के इंतजार में जी रहे इन परिवारों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री द्वारा पत्र वितरण के बाद उन्हें भी राहत मिलेगी, लेकिन जब अन्य जिलों में नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं और बक्सर को नजरअंदाज किया गया है तो कई सवाल उठने लगे हैं.

इस मामले में अनुकंपा आश्रितों ने डीइओ और डीएम से भी मुलाकात कर अपनी व्यथा रखी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. हालांकि, इस मामले में सरकार गंभीर दिखाई दे रही है क्योंकि माध्यमिक शिक्षा के सचिव सह निदेशक दिनेश कुमार ने गुरुवार को एक पत्र जारी कर सभी क्षेत्रीय उप निदेशक से अब तक की गयी नियुक्ति के संदर्भ में रिपोर्ट मांगी है. 

इस मामले में जब डीइओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका, जिसके चलते उनका पक्ष सामने नहीं आ पाया. बहरहाल, अब देखना यह है कि अनुकम्पा आश्रितों को न्याय कब तक मिलता है?






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