नहीं थम रहा आक्रोश, बोले अधिवक्ता - एसडीएम कोर्ट में नहीं रखेंगे कदम ..

निर्णय लिया गया कि एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार फिलहाल समाप्त नहीं होगा. अधिवक्ताओं ने कहा कि यह संघर्ष न्याय की गरिमा बनाए रखने के लिए है और इसमें किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी.

अधिवक्ताओं को संबोधित करते संघ के महासचिव





                                         





  • निजी नहीं, न्याय की गरिमा बचाने की लड़ाई
  • बैठक में गूंजे नारे – अधिवक्ता एकता जिंदाबाद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार और अधिवक्ताओं के बीच पिछले एक सप्ताह से चला आ रहा विवाद मंगलवार को और तेज हो गया. नए अधिवक्ता भवन के प्रथम तल्ला पर संघ अध्यक्ष बबन ओझा की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं ने बैठक की. इसमें निर्णय लिया गया कि एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार फिलहाल समाप्त नहीं होगा. अधिवक्ताओं ने कहा कि यह संघर्ष न्याय की गरिमा बनाए रखने के लिए है और इसमें किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी.

संघ के महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद पांडे उर्फ पप्पू पांडे ने कहा कि 18 सितंबर से अधिवक्ता एसडीएम न्यायालय का बहिष्कार कर रहे हैं और यह कदम आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं की कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, बल्कि यह सिद्धांतों की रक्षा का प्रश्न है. अन्य सभी न्यायालयों में कार्य सामान्य रूप से होता रहेगा लेकिन एसडीएम न्यायालय में पेशी नहीं होगी.

बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि एसडीएम का व्यवहार कानून और सामाजिक शालीनता दोनों के विरुद्ध है. उनके कई वीडियो भी पहले वायरल हो चुके हैं. अधिवक्ताओं का कहना था कि ऐसा आचरण पद की गरिमा के विपरीत है. बहिष्कार संबंधी पत्र पहले ही जिलाधिकारी को सौंपा जा चुका है और अब इस मामले में मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा जाएगा.

अध्यक्ष बबन ओझा ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर अधिवक्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. यह कदम अधिवक्ताओं की गरिमा पर सीधा आघात है. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अधिवक्ताओं की एकता और न्याय की रक्षा की लड़ाई है, जिसे जारी रखा जाएगा.

सभा में अधिवक्ता गणपती मंडल, शिवाजी राय, अनिल ठाकुर, विनोद कुमार सिंह, सरोज उपाध्यक्ष, अरुण राय, मिथिलेश पाठक, सत्य प्रकाश सिंह, आनंद रंजना, श्यामा श्री और राघव कुमार समेत कई अधिवक्ताओं ने संबोधित किया और बहिष्कार को आगे भी जारी रखने पर सहमति जताई.







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