बक्सर के साहित्यिक जगत में शोक की लहर – नहीं रहे मन्नू प्रसाद मद्धेशिया ..

अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर मिलते ही जिलेभर में शोक की लहर फैल गई.

 





                                         




  • पुस्तक व्यवसाय से जुड़े रहे, साहित्य और समाज सेवा में निभाई अहम भूमिका
  • पत्रकारों, साहित्यकारों और व्यवसायियों ने जताया गहरा शोक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भोजपुर साहित्य मंडल के सक्रिय सदस्य, जिले के पूर्व पत्रकार और कचहरी परिसर के प्रतिष्ठित पुस्तक विक्रेता मन्नू प्रसाद मद्धेशिया का शनिवार की रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया. अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर मिलते ही जिलेभर में शोक की लहर फैल गई.

मन्नू प्रसाद मद्धेशिया का नाम बक्सर जिले में साहित्य, पत्रकारिता और पुस्तक व्यवसाय के क्षेत्र में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता था. वे कई दशकों से कचहरी परिसर में पुस्तक विक्रय कार्य से जुड़े रहे. उनके पुस्तकालय को न केवल अधिवक्ताओं और विद्यार्थियों का केंद्र माना जाता था, बल्कि यह साहित्य प्रेमियों के मिलने-जुलने का भी प्रमुख स्थल रहा.

सादा जीवन, मधुर व्यवहार और ईमानदारी उनकी पहचान थी. उन्होंने अपने व्यावसायिक जीवन के साथ-साथ सामाजिक और साहित्यिक गतिविधियों में भी सक्रिय भूमिका निभाई. भोजपुरी साहित्य मंडल के कार्यक्रमों में वे नियमित रूप से भाग लेते थे और युवा पीढ़ी को पुस्तकों के प्रति प्रेरित करते थे.

मन्नू प्रसाद मद्धेशिया जिले के प्रतिष्ठित पुस्तक व्यवसायी पवन कुमार मद्धेशिया और पत्रकार विजय कुमार मद्धेशिया के पिता थे. उनके निधन से न केवल परिवार बल्कि पूरे बक्सर के पत्रकारिता और साहित्यिक जगत में गहरा सूनापन छा गया है.

भोजपुरी साहित्य मंडल, स्थानीय पत्रकार संघ और व्यावसायिक संगठनों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मन्नू प्रसाद मद्धेशिया जैसे व्यक्तित्व की कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी. उन्होंने जिस निष्ठा और समर्पण से साहित्यिक संस्कृति को आगे बढ़ाया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा.










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