बक्सर नगर परिषद की खरीद पर सवाल, आरटीआई से खुल सकता है ‘भ्रष्टाचार का पिटारा’ ..

कहना है कि यह सारी जानकारी सार्वजनिक हित से जुड़ी हुई है और सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इसे देना अनिवार्य है. इसके बावजूद निर्धारित समय सीमा के भीतर नगर परिषद की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.

 




                                         




  • नगर परिषद की खरीद पर आरटीआई का शिकंजा, भ्रष्टाचार उजागर होने का दावा
  • सामाजिक कार्यकर्ता जय प्रकाश राय ने 2023-24 से 2025-26 तक की सभी खरीद का ब्योरा मांगा
  • सूचना नहीं मिलने पर राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के पास पहुंचा मामला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर परिषद में बीते कुछ वर्षों के दौरान की गई खरीदारी को लेकर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. सामाजिक कार्यकर्ता जय प्रकाश राय उर्फ गुड्डू राय ने आरटीआई के माध्यम से नगर परिषद से वित्तीय वर्ष 2023-24 से लेकर 2025-26 (सितंबर 2025 तक) के बीच की गई सभी खरीद का विस्तृत विवरण मांगा है. उनका दावा है कि यदि यह जानकारी सार्वजनिक होती है तो नगर परिषद में हुए एक बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सकता है. इसी आशंका के चलते संबंधित पदाधिकारी सूचना देने से बच रहे हैं.

जय प्रकाश राय ने सबसे पहले नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह लोक सूचना पदाधिकारी के समक्ष आरटीआई आवेदन दाखिल किया था. आवेदन में उन्होंने स्पष्ट रूप से पूछा कि नगर परिषद द्वारा खरीदी गई विभिन्न सामग्रियों की खरीद किस प्रक्रिया के तहत की गई. इसमें डस्टबिन, बाल्टी, स्प्रे मशीन, केमिकल, सफाई उपकरण, ई-रिक्शा, ट्रैक्टर, जेसीबी, ट्रॉली, ठेला, टीपर, पोकलेन, कंबल जैसी सामग्री शामिल है. इसके साथ ही कार्यालय में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे, एलईडी टीवी, हाई मास्ट लाइट, वाटर एटीएम, फर्नीचर, कार्यालय उपकरण, टीवी, एसी, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीद से जुड़ी जानकारी भी मांगी गई.

आरटीआई आवेदन में यह भी स्पष्ट किया गया कि इन सभी सामग्रियों की खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से की गई या फिर अखबारों में निविदा प्रकाशित कर, अथवा कोटेशन के आधार पर. जय प्रकाश राय का कहना है कि यह सारी जानकारी सार्वजनिक हित से जुड़ी हुई है और सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इसे देना अनिवार्य है. इसके बावजूद निर्धारित समय सीमा के भीतर नगर परिषद की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.

सूचना नहीं मिलने से नाराज जय प्रकाश राय ने द्वितीय अपील का सहारा लिया और अब यह मामला राज्य मुख्य सूचना आयुक्त सचिन के समक्ष पहुंच चुका है. उन्होंने आरोप लगाया है कि नगर परिषद के अधिकारी जानबूझकर सूचना छिपा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर खरीद प्रक्रिया का पूरा ब्योरा सामने आया तो कई अनियमितताएं उजागर हो सकती हैं और इसी डर से अधिकारी आरटीआई का पालन नहीं कर रहे हैं.

सदर प्रखंड के गोविंदपुर निवासी जय प्रकाश राय लंबे समय से सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं. उनका कहना है कि आरटीआई का उद्देश्य किसी को बदनाम करना नहीं, बल्कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद नगर परिषद को पूरी जानकारी उपलब्ध करानी पड़ेगी. अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि नगर परिषद कब तक इन सवालों का जवाब देती है और सच जनता के सामने आता है.










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