कहा कि, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अनाज वितरण पर उतरप्रदेश सरकार द्वारा सतर पैसे प्रति किलों की दर से कमीशन देने की घोषणा की गई है, उसी तर्ज पर बिहार सरकार द्वारा सतर रूपए प्रति क्विंटल की दर से पीडीएस दुकानदारों को तत्काल कमीशन देने की घोषणा होनी चाहिए. कोरेना के इस महामारी में यदि कोई पीडीएस दुकानदार अनाज वितरण कार्य के दौरान संक्रमित या उसकी मृत्यु होती है तो इसकी सारी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी.
- अध्यक्ष ने कहा, समस्याओं के निदान तक होता रहेगा विरोध
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राज्य सरकार से अपनी लंबित मांगों के निदान के लिए फेयर प्राईस डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश संघ के आहवान पर जिलें के सभी जनवितरण प्रणाली दुकानदार शनिवार को पूरे दिन सांकेतिक हडताल रहे. इस दौरान पाश मशीन से लाभुकों का सत्यापन एवं वितरण का कार्य पूरे दिन ठप रहा. इस बात की जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष डा.मनोज यादव ने कहा कि सरकार द्वारा जब तक डीलरों की परेशानी तथा उनकी कई समस्याओं पर गहन विचार विमर्श नही किया जाता है तब तक हमारे पीडीएस दुकानदार आगामी जून महीने तक काली पट्टी बांधकर खाद्यान्न एवं किरासन तेल का वितरण करते रहेगें. ताकि, कोरेना जैसी वैश्विक महामारी में कोई भी गरीब लाभुक अनाज से वंचित नही रह सके.
इस दौरान जिला सचिव हृदयानंद मिश्रा ने कहा कि, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अनाज वितरण पर उतरप्रदेश सरकार द्वारा सतर पैसे प्रति किलों की दर से कमीशन देने की घोषणा की गई है, उसी तर्ज पर बिहार सरकार द्वारा सतर रूपए प्रति क्विंटल की दर से पीडीएस दुकानदारों को तत्काल कमीशन देने की घोषणा होनी चाहिए. कोरेना के इस महामारी में यदि कोई पीडीएस दुकानदार अनाज वितरण कार्य के दौरान संक्रमित या उसकी मृत्यु होती है तो इसकी सारी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी. सभी पीडीएस दुकानदारों को तत्काल पचास लाख रूपए का बीमा तत्काल सुनिश्चित कराया जाए. तथा मई महीने का अनाज का वितरण डीलर के थम्ब से कराने का आदेश दिया जाए. वही, उन्होने बताया आधार सीडिंग एवं लाभार्थी सत्यापन का कार्य विभागीय द्वारा मौखिक आदेश पर नही बल्कि लिखित आदेश पर कराया जाए.
ज्ञात हो कि, विभाग द्वारा विक्रेताओं को गेहूं-चावल पर मात्र सतर पैसा, किरासन तेल पर एक रूपये का कमीशन दिया जा रहा है. जबकि, कई बार जिलाधिकारी को अपनी समस्याओं से अवगत कराया जा चुका है. बावजूद राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा न्यायोचित मजदूरी का भुगतान नही किया जा रहा है.
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