भू-अर्जन कार्यालय में दो संक्रमित मिलने के बाद कई विभागों में दहशत, सिविल सर्जन कार्यालय कर्मी भी संक्रमित ..

प्रतिदिन काफी संख्या में लोग अपने कार्यों को लेकर पहुंचते हैं. हालांकि, अन्य विभागों में भी लोगों का आवागमन लगा रहता है ऐसे में इन विभागों में कार्य करने वाले कर्मी भी डरे-सहमे हैं. 

- बुधवार को बक्सर में सामने आए हैं कोरोनावायरस के 17 नए मामले
- कोरोनावायरस से बचाव के लिए समाहरणालय के मुख्य द्वार पर ही सैनिटाइजेशन की मांग
- सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी को भी हो गया है कोरोनावायरस का संक्रमण

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के 17 नए मामले बुधवार तक सामने आए थे. संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए समाहरणालय के विभिन्न विभागों में जहां पहले प्रवेश निषेध का बोर्ड लगाया गया था वहीं, अब समाहरणालय के मुख्य द्वार से ही लोगों को लौटाया जा रहा है. हालांकि, जिन लोगों को बहुत आवश्यक काम रह रहा है उन्हें एंट्री मिल रही है.

उधर, सिविल सर्जन कार्यालय में भी एक व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण है जिसके बाद उन्हें कार्य से छुट्टी दे कर आइसोलेट कर दिया गया है. कार्यालय को सील किए जाने के संदर्भ में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि कार्यालय को सील करने जैसी कार्रवाई संभव नहीं है. ऐसे में जिस किसी को भी संक्रमण होगा उन्हें आइसोलेट करते हुए कार्य जारी रहेगा. वहीं, दूसरी तरफ ओपीडी भीड़भाड़ के मद्देनजर संक्रमण का प्रसार रोकने हेतु नियमित सैनिटाइजेशन कराया जाएगा. साथ ही बिना किसी कार्य किसी को अस्पताल में प्रवेश नहीं मिलेगा.

बताया जा रहा है कि भू अर्जन कार्यालय में एक डाटा एंट्री ऑपरेटर तथा एक लिपिक के कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के पश्चात अन्य विभागों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि जिन विभागों में लोगों का आवागमन ज्यादा होता है उनमें परिवहन तथा निर्वाचन तथा योजना जैसे विभाग शामिल हैं. यहां प्रतिदिन काफी संख्या में लोग अपने कार्यों को लेकर पहुंचते हैं. हालांकि, अन्य विभागों में भी लोगों का आवागमन लगा रहता है ऐसे में इन विभागों में कार्य करने वाले कर्मी भी डरे सहमे हैं. नाम न छापने की शर्त पर एक समाहरणालय कर्मी ने बताया कि प्रशासन को चाहिए कि वह समाहरणालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही सैनिटाइजेशन के उपाय करे, जिसके बाद ही लोगों को समाहरणालय में प्रवेश मिले. ऐसा करने से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है. आशंका जताई जा रही कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो समाहरणालय में संक्रमण का प्रसार और भी तेजी से फैलने लगेगा.











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