केंद्रीय कारा का होगा अपना बैंड, कैदी बजाएंगे गिटार ..

कैदियों की प्रतिभा में निखार लाने के उद्देश्य से कारा प्रशासन के द्वारा बैंड व आर्केस्ट्रा टीम का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में यह कोई आश्चर्य नहीं है कि बहुत जल्द ही केंद्रीय कारा से देश के नामी-गिरामी म्यूजिशियंस निकले. कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि कारा में तमाम वाद्य यंत्र पहले से ही मौजूद है हालांकि, अभ्यास कराने के लिए कोई प्रशिक्षक नहीं है. जल्द ही प्रशिक्षक को ढूंढ कर कैदियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

 




- जल्द ही बन कर तैयार होगी आर्केस्ट्रा टीम 
- जीवन के प्रति बदलेगा कैदियों का नज़रिया

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कारा एवं सुधार विभाग के निर्देशानुसार केंद्रीय कारा प्रशासन कैदियों व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रयासरत है. इसी क्रम में पहली बार कारा दिवस का भी आयोजन किया गया. कारा में बंद कैदियों के क्षमता में निखार लाते हुए कारा से मुक्ति के बाद उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए अलग-अलग तरह के कार्यक्रम पूर्व से भी आयोजित किए जाते रहे हैं. कैदियों को चित्रकारी, सिलाई- कढ़ाई आदि में अभिरुचि देखते हुए क्षेत्र में बढ़ने के अवसर भी प्रदान किए जाते रहे हैं. इसी क्रम में बंदियों के सुधारात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए अब कारा में म्यूजिक बैंड एवं वॉलीबॉल टीम के निर्माण की शुरुआत की जा रही है. ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब आप कारा के पास से गुजरे तो आपको आर्केस्ट्रा की धुन सुनाई दे, जिस पर कैदी थिरक रहे हो.

बताया जा रहा है कैदियों की प्रतिभा में निखार लाने के उद्देश्य से कारा प्रशासन के द्वारा बैंड व आर्केस्ट्रा टीम का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में यह कोई आश्चर्य नहीं है कि बहुत जल्द ही केंद्रीय कारा से देश के नामी-गिरामी म्यूजिशियंस निकले. कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि कारा में तमाम वाद्य यंत्र पहले से ही मौजूद है हालांकि, अभ्यास कराने के लिए कोई प्रशिक्षक नहीं है. जल्द ही प्रशिक्षक को ढूंढ कर कैदियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

दरअसल कारा एवं सुधार विभाग के द्वारा कैदियों के व्यवहार में परिवर्तन लाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास सदैव किए जाते रहे हैं. इसके लिए जहां समय-समय पर सांस्कृतिक एवं मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं वहीं, दूसरी तरफ कैदियों के बौद्धिक शारीरिक विकास के लिए भी कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कारा के अंदर किया जाता है. पिछले वर्ष कारा में काव्य गोष्ठी तथा हेपेटाइटिस-बी के टीकाकरण जैसे अभियान भी चलाए गए थे वहीं, ब्रह्मकुमारी बहनों के द्वारा कैदियों के मानसिक विकारों को दूर करने के लिए भी उन्हें ज्ञान दिया गया.




वाद्य यंत्र बजा डांस करेंगे कैदी, करेंगे मानसिक तनाव को कम: 

कैदी ही वाद्य यंत्र भी बजाएंगे, गाएंगे और डांस कर लोगों का मनोरंजन करेंगे. 15 अगस्त, 26 जनवरी तथा गांधी जयंती जैसे अवसरों पर कैदी अपनी कला का प्रदर्शन भी करेंगे. कैदियों को संगीत की शिक्षा दिलाकर एक बैंड व आर्केस्ट्रा टीम तैयार होगी जिसमें सजायाफ्ता कैदियों को शामिल किया जाएगा. इस टीम में गायक, संगीतकार व डांसर भी शामिल होंगे. ऐसा मानना है कि इस तरह कैदियों का मानसिक तनाव तो कम होगा ही आपराधिक प्रवृत्ति पर रोक लगेगी.

धूल फांक रहे वाद्य यंत्रों को देख कर आया आइडिया:

अधीक्षक ने बताया कि कारा में म्यूज़िक बैंड बनाने के लिए आवश्यक वाद्य यंत्र मौजूद हैं लेकिन, वह एक कमरे में धूल फांक रहे हैं. ऐसे में उनके दिमाग में यह आइडिया आया कि क्यों ना कैदियों को संगीत से जोड़ने की पहल की जाए. यह ख्याल दिमाग में आते ही उन्होंने एक बैंड बनाने की बात सोची. इसी बीच महानिरीक्षक कारा एवं सुधार के द्वारा यह निर्देश भी दिया गया कि कैदियों की क्षमताओं को उभारने तथा उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए प्रयास किए जाए जिसके लिए कैदियों को कैरम बोर्ड, लूडो तथा बॉलीबाल का नेट और बॉल आदि उपलब्ध कराया गया है. 

प्रशिक्षक की होगी व्यवस्था, हफ्ते में चार दिन चलेगी क्लास:

बताया जा रहा है कि बैंड को शुरु करने से पहले सभी को प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है, जिसके लिए मुंबई दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों से प्रशिक्षक बुलाए जाएंगे प्रशिक्षक सप्ताह में चार दिन पहुंच कर जेल के कैदियों को प्रशिक्षित करेंगे. संगीत सीखने के बाद कैदी अपने अन्य साथी कैदियों को भी प्रशिक्षित करेंगे. इस प्रकार सजा काटकर जेल से बाहर निकलने के बाद भी जेल की बैंड टीम बनी रहेगी वहीं, जो कैदी जेल से बाहर निकलेंगे वह भी समाज में संगीत से जुड़े कार्यों को आगे बढाएंगे.

कहते हैं कारा अधीक्षक:

कैदियों की मनोदशा में परिवर्तन लाने के लिहाज से जल्द ही कारा की अपनी बैंड व आर्केस्ट्रा टीम बन कर तैयार होगी. जिन्हें प्रशिक्षण देने के लिए बाहर से संगीत प्रशिक्षक बुलाए जाएंगे.

राजीव कुमार 
कारा अधीक्षक











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