वीडियो: पथरीली जमीन से निकल रहे एकलव्य, आभाव से बना रहे ऊर्जा ..

बताया कि बक्सर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है जरूरत है तो केवल उन्हें निखारने की. इसी सोच के साथ उन्होंने "एकलव्य क्लब" की स्थापना की इस क्लब में सेना में नौकरी कर रहे हैं तथा खेल के क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रहे उनके कई मित्र भी शामिल हैं. जो कि यहां से प्रशिक्षण लेकर पुलिस तथा सेना नौकरियां कर रहे हैं. 

 






- बक्सर में हर वर्ष दर्जनों युवक करते हैं देश मे जिले का नाम रौशन
- अपने दम पर सेना तथा फौज में जाने का सपना पूरा कर रहे युवा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कहा जाता है कि, प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती. इस बात को बक्सर के युवाओं ने सच कर दिखाया है दरअसल, बक्सर में सेना और पुलिस में जाकर देश की सेवा करने का जुनून लिए कुछ युवा पथरीली जमीन पर अभ्यास कर अपने हौसलों को आकार दे रहे हैं. नगर के सोमेश्वर स्थान के रहने वाले एक युवा सुरेंद्र कुमार देश की सेवा में जाने के लिए तत्पर युवाओं को निशुल्क दौड़ का प्रशिक्षण देते हैं. सोमेश्वर स्थान के समीप गंगा किनारे  सुबह और शाम  सैकड़ों की तादाद में युवक युवतियां पहुंचते हैं और फौज और पुलिस में जाने की तैयारी करते हैं. उन्होंने बताया कि "एकलव्य क्लब" नामक एक संस्था बनाकर वह ऐसे युवक तथा युवतियों को दौड़ तथा फिजिकल फिटनेस का प्रशिक्षण दे रहे हैं जो कि देश सेवा में जाकर देश के लिए कुछ करने तथा अपने जिले का नाम रोशन करने की इच्छा रखते हैं लेकिन, उनके पास सही मार्गदर्शन का आभाव है.


उन्होंने बताया कि बक्सर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है जरूरत है तो केवल उन्हें निखारने की. इसी सोच के साथ उन्होंने "एकलव्य क्लब" की स्थापना की इस क्लब में सेना में नौकरी कर रहे हैं तथा खेल के क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रहे उनके कई मित्र भी शामिल हैं. जो कि यहां से प्रशिक्षण लेकर पुलिस तथा सेना नौकरियां कर रहे हैं. छुट्टियों में जब कभी वह यहाँ आते हैं तो युवाओं को कई टिप्स देते हैं. इसके अलावे वह सालों भर दर्जनों युवक-युवतियों को सेना तथा पुलिस में जाने के लिए फिजिकल ट्रेनिंग के कराते हैं. उन्होंने बताया कि खेल में रुचि होने तथा अपने क्षेत्र के युवाओं को सही मार्गदर्शन देने के लिए उन्होंने यह कार्य किया है. अपनी ट्रेनिंग के दौरान वह युवाओं को दौड़ के अभ्यास के साथ ही हाई जम्प, लांग जम्प तथा अन्य आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं.






प्रशासनिक व सरकारी सहयोग से मिल सकता है प्रतिभाओं को और बड़ा आकार:

सुरेंद्र बताते हैं कि अगर यहां की प्रतिभाओं को थोड़ा सा प्रशासनिक और सरकारी सहयोग मिले तो युवा और भी बेहतर कर सकते हैं तथा देश और विश्व में अपने जिले का नाम रौशन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि बक्सर में खिलाड़ियों के लिए एक भी बेहतर खेल मैदान नहीं है. देश की सेवा करने के लिए सेना में जाने का सपना लिए युवा कंकड़ पत्थरों से भरी सड़क पर दौड़ कर अपना यह सपना पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.


राज्य स्तरीय खिलाड़ी ने भी जाहिर किया खेल मैदान नहीं होने का दर्द:
 
सुरेंद्र के एकलव्य क्लब में ट्रेनिंग ले रहे कुश्ती की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता हरियाणा में बक्सर का प्रतिनिधित्व कर चुके विकास कुमार चौबे बताते हैं कि नगर के एमपी हाई स्कूल से लेकर किला मैदान तक ऐसा कोई खेल मैदान नहीं है जहां युवाओं की खेल प्रतिभा को उभारा जा सके. एक ही खेल मैदान में कई तरह के खेल होते हैं जबकि, यहां स्टेडियम को डेवलप किया जा सकता है. उन्होंने प्रशासन तथा सरकार से खेल मैदान के विकास की योजना बनाने का अनुरोध किया ताकि आभाव के कारण प्रतिभाएं दम न तोड़ सके.


युवतियों का बैच भी ले रहा प्रशिक्षण, शौचालय आदि बनाने की मांग:

सोमेश्वर स्थान के पास प्रशिक्षण ले रही प्रियंका कुमारी ने बताया कि यहां पर तकरीबन 30-35 युवतियों के समूह यहाँ प्रशिक्षण ले रहा है. प्रशिक्षण लेकर कई युवक-युवतियों को वर्दी मिल चुकी है और कई वर्दी लेने की तैयारी कर रहे हैं. आरती कुमारी बताती हैं कि यह जमीन उबड़-खाबड़ है. अगर ट्रैक आदि बना दिया जाता तो काफी मदद मिलती. युवतियों के बैच को प्रशिक्षित कर रहे अनिकेत राय बताते हैं कि, यहां जरा सी सरकारी सहायता मिले तो नजारा कुछ और ही होगा. उन्होंने कहा कि कुछ संसाधनों के साथ ही यहां पर शौचालय आदि की भी व्यवस्था की जानी चाहिए.


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