वामन द्वादशी पर भव्य रथयात्रा का आयोजन : श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, हुआ दिव्य दर्शन ..

बताया कि भगवान विष्णु के पांच अवतारों में वामन अवतार एक प्रमुख अवतार है. इस अवतार में भगवान ने आसुरी शक्ति के बादशाह राजा बलि को छल से पराजित कर उसे शक्तिहीन बना दिया था. भगवान 100 वें यज्ञ के दौरान मानव के सबसे छोटे रूप में वामन अवतार लेकर बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंचे. 









- धूमधाम से मनाई गई वामन जयंती
- शहर में निकाली गई भव्य रथयात्रा 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भगवान वामन चेतना मंच द्वारा रविवार को वामन द्वादशी के अवसर पर भगवान वामन जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर शहर में एक भव्य रथयात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं और भक्तों ने भाग लिया. रथयात्रा की शुरुआत रामरेखा घाट स्थित श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से हुई, जहां कृष्णानंद शास्त्री और रणधीर ओझा के वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजन के साथ इसकी शुरुआत की गई.

रथयात्रा की शुरुआत होते ही श्रद्धालुओं और भक्तों के शंखध्वनि और जय घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। भगवान श्री वामन की रथयात्रा श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से शुरू होकर पीपर पाती रोड, यमुना चौक, मुनीम चौक, नगर थाना होते हुए किला मैदान, जेल रोड से सोमेश्वर स्थान स्थित भगवान वामन धाम पहुंची.

यात्रा के दौरान शहर भर में जगह-जगह श्रद्धालुओं और भक्तों ने भगवान वामन के रथ पर पुष्पों की वर्षा की और आरती उतारी. सुसज्जित रथ पर विराजमान भगवान वामन के दिव्य रूप के दर्शन के लिए सड़क के दोनों किनारे भक्तों की भीड़ लगी रही. भगवान वामन की जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया. रथ को खींचने को लेकर भी भक्तों में उत्साह और होड़ देखी गई.

रथ यात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई और इसमें उत्तर प्रदेश सहित बिहार के विभिन्न जिलों के श्रद्धालुओं और भक्तों ने भाग लिया. सोमेश्वर स्थान स्थित वामन धाम पहुंचने पर रथ की आरती उतारी गई और महाप्रसाद का वितरण किया गया. शहरवासियों ने भगवान वामन के रथ यात्रा में शामिल होकर दिव्य दर्शन पाकर मंगल कामना की.

संतों ने इस अवसर पर बताया कि भगवान विष्णु के पांच अवतारों में वामन अवतार एक प्रमुख अवतार है. इस अवतार में भगवान ने आसुरी शक्ति के बादशाह राजा बलि को छल से पराजित कर उसे शक्तिहीन बना दिया था. भगवान 100 वें यज्ञ के दौरान मानव के सबसे छोटे रूप में वामन अवतार लेकर बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंचे. उन्होंने छाता लेकर और खड़ाऊ पहने पांच साल के बच्चे के रूप में अपना परिचय दिया. राजा बलि ने जब उनका प्रयोजन पूछा, तो भगवान ने खुद को पंडित बताया और पूजा करने की बात की. उन्होंने संकल्प कराया और दक्षिणा स्वरूप तीन कदम भूमि की मांग की.

असुरों के ऋषि शुक्राचार्य ने भगवान की पहचान कर ली थी, लेकिन बलि ने उनकी बात नहीं मानी. भगवान ने दो कदम में पूरी सृष्टि को माप लिया और तीसरे कदम में राजा बलि को माप लिया. इससे दानवीर बलि ने भगवान को सब कुछ न्योछावर कर दिया.

पूरा दिन भगवान वामन की पूजा और अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य भारत भूषण पांडेय ने की, जबकि संचालन प्रमोद चौबे ने किया. इस अवसर पर अतिथियों को भगवान वामन का चित्र और अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया.

बक्सर धाम को पर्यटक स्थल घोषित करने की मांग भी उठाई गई. रथ यात्रा में सांसद सुधाकर सिंह, एसडीएम धीरेन्द्र मिश्र, मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी, पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला, डॉ शशांक शेखर, बबली दूबे, मिथिलेश तिवारी, आनंद मिश्र, रानी चौबे, श्वेता पाठक, प्रकाश पांडेय, वर्षा पांडेय, संजय ओझा, मनोज तिवारी, चमन दूबे, विजय पाठक, रामवतार, आनंद पांडेय, प्रियव्रत पांडेय, अभिषेक ओझा, सरोज तिवारी, दयानंद उपाध्याय, कमलाकर ओझा, डॉ श्रवण तिवारी, मनोज पांडेय, डॉ. शशि प्रकाश तिवारी, अखिलेश पांडेय, मनोज दूबे, पीयूष पांडेय, सत्येंद्र ओझा, अंशु कुमार,  प्रदीप राय, डॉ. पीके पांडेय, डॉ. रंगनाथ तिवारी, डॉ. राजेश मिश्रा, नंद कुमार तिवारी, बजरंगी मिश्रा, चुनमुन चौबे, विजय कुमार मिश्र,  मोहित दूबे, नियमतुल्ला फरीदी, सुनील मिश्रा, अमित पांडेय, दुर्गा चरण मिश्रा, अखिलानंद उपाध्याय समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए.












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