दीक्षा ने अपनी इस उपलब्धि के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनका सपना था कि वह अपने देश के लिए कुछ बड़ा करें. उन्होंने आगे एशियन गेम्स और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा भी व्यक्त की.
- बटुमि ओपन इंटरनेशनल वुशु टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर बढ़ाया देश का मान
- बक्सर रेलवे स्टेशन पर फूल-मालाओं से दीक्षा का सम्मान, एशियन गेम्स और ओलंपिक में खेलने का सपना
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के महदह गांव की बेटी दीक्षा कुमारी का बटुमि ओपन इंटरनेशनल वुशु टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर लौटने पर रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया. जॉर्जिया के बटुमि में आयोजित इस प्रतियोगिता में 48 किलो भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली दीक्षा ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाया. स्वागत समारोह में उनकी बहन और सीनियर वुशु खिलाड़ी निधि, पिता बलवंत सिंह, चाचा विनय सिंह और बिकु सिंह समेत ग्रामवासी शामिल हुए. लोगों ने फूल-मालाओं से दीक्षा का स्वागत किया और फिर पूरे नगर में जुलूस निकालते हुए महदह पहुंचे.
दीक्षा ने अपनी इस उपलब्धि के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनका सपना था कि वह अपने देश के लिए कुछ बड़ा करें. उन्होंने आगे एशियन गेम्स और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा भी व्यक्त की. दीक्षा ने कहा कि यह सफलता उसके परिजनों और सभी के आशीर्वाद का परिणाम है.
अपने बड़ी बहन निधि कुमारी के मार्गदर्शन में प्रैक्टिस करने वाली दीक्षा ने बताया कि परिवार से मिले सहयोग ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की. उन्होंने अन्य खिलाड़ियों खासकर महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर वे हिम्मत करके आगे बढ़ेंगी तो परिवार और समाज उनके साथ खड़ा रहेगा. अपनी इस जीत का श्रेय दीक्षा ने अपने पिता, बहन और गांव को दिया.
बक्सर जिला वुशू एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशुतोष कुमार सिंह ने भी दीक्षा की सफलता की सराहना की और कहा कि इस उपलब्धि ने न सिर्फ बक्सर, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है. उन्होंने आशा जताई कि दीक्षा आगामी एशियन गेम्स और ओलंपिक में भी इसी प्रकार अपना परचम लहराएंगी.
महदह गांव के किसान बलवंत सिंह की छोटी बेटी दीक्षा ने अपने अथक परिश्रम से इस मुकाम को हासिल किया है. उनकी बड़ी बहन निधि भी एक वुशु खिलाड़ी हैं और पटना सचिवालय में कार्यरत हैं। दीक्षा पिछले कई वर्षों से वुशु खेल में अपना कौशल दिखा रही हैं और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर तिरंगे को गर्व से लहराया है.
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