किसानों के संघर्ष ने बिहार के किसानों को एकजुट कर दिया है. उन्होंने आंदोलनकारी किसानों की तारीफ करते हुए कहा कि अब किसान अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर आगे आ रहे हैं.
महापंचायत में मौजूद लोग |
- वाटर पाइप लाइन का रास्ता बदला, रेल कॉरिडोर के लिए 80 एकड़ जमीन बची
- 60 करोड़ रुपये होंगे खर्च, विकास कार्यों के लिए बनेगी विलेज डेवलपमेंट कमेटी
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के चौसा प्रखंड के बनारपुर में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों किसानों के साथ बक्सर सांसद सुधाकर सिंह और पटना के विभिन्न हिस्सों से किसान नेता शामिल हुए. किसानों ने एनएच-319ए और भारत माला एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध करते हुए कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, वे अपनी जमीन नहीं देंगे.
महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे धनपत चौधरी ने कहा कि थर्मल पावर प्लांट से प्रभावित किसानों के संघर्ष ने बिहार के किसानों को एकजुट कर दिया है. उन्होंने आंदोलनकारी किसानों की तारीफ करते हुए कहा कि अब किसान अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर आगे आ रहे हैं.
किसानों की मांग पर सकारात्मक परिणाम :
महापंचायत में पहुंचे सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों के संघर्ष से बदलाव हो रहा है. उन्होंने जानकारी दी कि वाटर पाइप लाइन का रास्ता बदलने की मांग स्वीकार कर ली गई है और अब यह किसानों की जमीन से होकर नहीं गुजरेगी.
रेल कॉरिडोर के लिए 137 एकड़ जमीन अधिग्रहण की योजना थी, लेकिन अब केवल 57 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा, जिससे 80 एकड़ जमीन किसानों की बच गई है. सांसद सुधाकर सिंह ने आश्वासन दिया कि एनएच-319ए के लिए बनारपुर गांव में बनाए गए एलाइमेंट में किसी किसान का घर टूटने नहीं दिया जाएगा.
क्षेत्रीय विकास के लिए 60 करोड़ रुपये स्वीकृत :
सांसद ने बताया कि प्रभावित किसानों के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि आरएनआर (रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटेलमेंट) के तहत जारी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि पहले बैठकों में किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता था, लेकिन अब किसान विकास योजनाओं के केंद्र में हैं.
विलेज डेवलपमेंट कमेटी का गठन एक महीने के भीतर किया जाएगा. इसके तहत चौसा, बनारपुर, महिनपुराव और आसपास के गांवों में सामुदायिक भवन, विवाह भवन और किसान भवन का निर्माण होगा. साथ ही चौसा बालिका उच्च विद्यालय और आदर्श हाई स्कूल की मरम्मत भी इसी पॉलिसी के तहत कराई जाएगी.
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