अवैध बालू खनन पर प्रशासन का शिकंजा, सड़क पर उतरे डीएम-एसपी

स्पष्ट किया कि अवैध बालू खनन और परिवहन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि खनन और परिवहन विभाग की यह सख्त कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी. 
जांच को पहुंचे डीएम-एसपी व एसडीएम









                                           



- अवैध बालू कारोबारियों से लाखों का जुर्माना वसूला 
- बालू कारोबारियों के बीच मचा हड़कम्प, लगातार जारी रहेगी कारवाई

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में अवैध बालू खनन, परिवहन और भंडारण पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. बुधवार की रात 11 बजे से गुरुवार की अहले सुबह 2 बजे तक जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य के नेतृत्व में व्यापक स्तर पर छापेमारी अभियान चलाया गया. यह कार्रवाई डुमरांव नावानगर, गोलंबर, जासो-नदांव पथ, टोल प्लाजा और वीर कुंवर सिंह सेतु चेकपोस्ट समेत विभिन्न स्थानों पर की गई.

संयुक्त छापेमारी के दौरान खनन विभाग ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कुल 9 वाहनों को जब्त किया. इनमें एक ओवरलोड ट्रक, दो गीले बालू से लदे ट्रक, पांच बिना ढके हुए बालू का परिवहन करते ट्रक और एक बिना लाल पट्टी के वाहन शामिल हैं..इन वाहनों के मालिकों पर खनन विभाग ने 11 लाख 75 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया.

परिवहन विभाग ने भी कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई. इस दौरान कुल 95 गाड़ियों पर कार्रवाई की गई और उनसे 5,00,600 रुपये का जुर्माना वसूला गया.

प्रशासन की सख्ती :

जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि अवैध बालू खनन और परिवहन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि खनन और परिवहन विभाग की यह सख्त कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी. यह कदम जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए उठाया गया है.

अभियान में शामिल अधिकारी :

इस छापेमारी अभियान में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. टीम में खनिज विकास पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), मोटरयान निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षक, खनन निरीक्षक और संबंधित थानाध्यक्ष मौजूद रहे.

प्रभाव और उद्देश्य :

इस छापेमारी का उद्देश्य जिले में अवैध खनन और परिवहन गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगाना है. यह अभियान न केवल अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी साबित हुआ है, बल्कि इससे अन्य खनन माफियाओं को भी कड़ा संदेश दिया गया है.

प्रशासन की इस सख्ती से स्पष्ट है कि जिले में कानून का पालन सुनिश्चित करने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।










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