श्री राम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर भव्य कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम की शुरुआत अपर लोक अभियोजक श्यामाश्री चन्द्र द्वारा आरती से हुई. इसके बाद राधा मोहन मंदिर के सदस्यों ने हरि कीर्तन प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया.












                                           

- स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
- पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला ने किया उद्घाटन 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : स्थानीय रामचंद्र मार्केट ठठेरी बाजार में श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आयोजन का उद्घाटन बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता ओमकार गुप्ता ने की.

सोशल मीडिया प्रभारी मयंक राज उर्फ नन्हे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्षगांठ को लेकर पूरे देश भर में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बक्सर में भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत अपर लोक अभियोजक श्यामाश्री चन्द्र द्वारा आरती से हुई. इसके बाद राधा मोहन मंदिर के सदस्यों ने हरि कीर्तन प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया.

कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और देर संध्या तक आयोजन स्थल पर भक्तिमय वातावरण बना रहा. हर उम्र के लोग, खासकर युवा वर्ग, इस आयोजन में बड़ी संख्या में उपस्थित हुए.

इस अवसर पर कंचन देवी, अमित पांडेय, प्रदीप दुबे, सौरभ तिवारी, हिमांशु चतुर्वेदी, अवधेश पांडेय, प्रेम मिश्रा उर्फ भाई जी, ओम प्रकाश सिंह उर्फ ओपी, ज्वाला सैनी, राजेश सिन्हा, मदन दूबे, प्रेम प्रकाश वर्मा टुनटुन जी, ललन कांस्यकार, पिंटू चौरसिया, प्रदीप कांस्यकार, परशुराम कुमार, राज किशोर कांस्यकार, राजू चौरसिया, मनोज केसरी, शंकर जी, रवि जी, विक्की जायसवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के महत्व पर चर्चा की और उपस्थित लोगों को श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा दी. आयोजन समिति ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को जारी रखने का संकल्प लिया.

कार्यक्रम के सफल आयोजन में स्थानीय नागरिकों के सहयोग और उत्साह की सराहना की गई. आयोजकों ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाना और लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना है.











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