किसान के बेटे ने बढ़ाया ब्रह्मपुर का मान : सेल्फ स्टडी के बल पर ASO बने रूपेश पांडेय

उन्होंने एसएससी सीजीएल 2024 परीक्षा में सफलता हासिल कर सहायक अनुभाग अधिकारी (ASO) पद पर चयन प्राप्त किया है. उनकी इस उपलब्धि से परिवार, गांव और पूरे इलाके में हर्ष का माहौल है.












                                           



- युवाओं को दिया सफलता का संदेश
- आइएएस अधिकारी बनना है अगला लक्ष्य

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : दृढ़ संकल्प और मेहनत से सफलता निश्चित मिलती है, इसे सिद्ध कर दिखाया है बक्सर जिले के ब्रह्मपुर के रहने वाले किसान चंदन पांडेय के पुत्र रूपेश पांडेय ने. उन्होंने एसएससी सीजीएल 2024 परीक्षा में सफलता हासिल कर सहायक अनुभाग अधिकारी (ASO) पद पर चयन प्राप्त किया है. उनकी इस उपलब्धि से परिवार, गांव और पूरे इलाके में हर्ष का माहौल है.

रूपेश के बड़े भाई समाजसेवी अनूप पांडेय उर्फ बबल जी ने बताया कि उनका छोटा भाई रेलवे में कार्यरत रहते हुए पहले ही प्रयास में एसएससी सीजीएल परीक्षा पास कर ASO अधिकारी बना है. इससे परिवार को गर्व की अनुभूति हुई है. रूपेश ब्रह्मपुर गांव के पांडेय टोला के निवासी हैं. उनके पिता चंदन पांडेय एक प्रतिष्ठित किसान हैं, जबकि माता गृहिणी हैं. रूपेश अपने परिवार में सबसे छोटे हैं. उनके बड़े भाई अनूप पांडेय समाजसेवा के साथ-साथ विद्वान आचार्य भी हैं.

बचपन से था सरकारी सेवा में जाने का सपना

रूपेश ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना था कि वे सरकारी सेवा में जाएं. इसके लिए उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की. उनकी प्रारंभिक शिक्षा ब्रह्मपुर स्थित बीएन हाई स्कूल से हुई, जहां से उन्होंने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद उन्होंने ए.एन. कॉलेज, पटना से स्नातक किया.

इंटरमीडिएट के समय से ही उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने पहली बार रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा दी, जिसमें सफलता मिली. एक वर्ष पहले उन्होंने रेलवे में योगदान दिया और मुगलसराय में सेवा दी. इसी दौरान उन्होंने एसएससी सीजीएल 2024 की परीक्षा दी, जिसमें सहायक अनुभाग अधिकारी पद के लिए उनका चयन हुआ.

सफलता का कोई विकल्प नहीं

रूपेश का मानना है कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए वे प्रतिदिन 10 से 12 घंटे तक पढ़ाई करते थे. उनका कहना है कि सेल्फ स्टडी सफलता की कुंजी है. रूपेश का अगला लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा पास कर आइएएस अधिकारी बनना है, जिसके लिए वे तैयारी जारी रखेंगे.

उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता. यदि अपनी गलतियों को पहचानकर उन्हें सुधारा जाए, तो सफलता निश्चित मिलती है. रूपेश की इस सफलता ने क्षेत्र के अन्य युवाओं को प्रेरित किया है और वे उनके मार्गदर्शन में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.










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