भीषण गर्मी से बक्सर में बदला स्कूलों का समय, दोपहर 11:30 बजे के बाद छुट्टी ..

अब जिले के किसी भी सरकारी या निजी विद्यालय में पूर्वाह्न 11:30 बजे के बाद किसी भी कक्षा के लिए शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन नहीं किया जाएगा. यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

 

विद्यालय में मध्याह्न भोजन ग्रहण करते बच्चे









                                           




  • जिले के सरकारी तथा गैर सरकारी सभी विद्यालयों के लिए 27 से 30 अप्रैल तक लागू रहेगा नया निर्देश
  • जिला प्रशासन के आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में इन दिनों भीषण गर्मी ने जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. तेज धूप और लगातार बढ़ते तापमान ने प्रशासन को एहतियाती कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है. इसी कड़ी में बक्सर जिले के सभी प्रकार के विद्यालयों के संचालन समय में बदलाव किया गया है.

जिला पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर द्वारा संयुक्त रूप से जारी आदेश के अनुसार, अब जिले के किसी भी सरकारी या निजी विद्यालय में पूर्वाह्न 11:30 बजे के बाद किसी भी कक्षा के लिए शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन नहीं किया जाएगा. यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

यह व्यवस्था 27 अप्रैल 2025 से लेकर 30 अप्रैल 2025 तक प्रभावी रहेगी. आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि उपरोक्त निर्देश का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए. सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और प्रबंधन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश का पूरी तरह पालन करें.

प्रशासन ने कहा है कि भीषण गर्मी के कारण बच्चों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है. छात्रों को हल्के और सूती वस्त्र पहनने, पानी का अधिक सेवन करने और अनावश्यक रूप से धूप में बाहर न निकलने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूलों को भी इस दौरान आवश्यक स्वास्थ्य उपाय अपनाने के लिए कहा गया है.

बक्सर जिले में पिछले कुछ दिनों से तापमान में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिससे दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. बाजारों में भी भीड़भाड़ में कमी आई है. भीषण गर्मी का प्रभाव छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर अधिक देखा जा रहा है.

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई विद्यालय इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सभी विद्यालयों से अपेक्षा की गई है कि बच्चों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आदेश का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें.










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