आधार कार्ड के नाम पर अवैध वसूली मामले में हुई कार्रवाई, हटाए गए ऑपरेटर, मंगलवार तक केंद्र बंद

मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. 15 वर्ष तक के बच्चों से 210 रुपये की मनमानी वसूली का आरोप साबित होने पर संबंधित एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.








                                           




- डीआरडीए ने मांगा जवाब, एजेंसी ने ऑपरेटर को हटाया. 

- मंगलवार से नए कर्मी के साथ फिर से खुलेगा आधार केंद्र

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बक्सर समाहरणालय परिसर में संचालित आधार केंद्र पर नियमों के विरुद्ध की जा रही वसूली का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. 15 वर्ष तक के बच्चों से 210 रुपये की मनमानी वसूली का आरोप साबित होने पर संबंधित एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

डीआरडीए निदेशक अरविंद कुमार सिंह ने एजेंसी से जवाब तलब किया है कि क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. वहीं, कंपनी के कोऑर्डिनेटर दिनेश गुप्ता ने पुष्टि की कि जैसे ही शिकायत की जानकारी उन्हें मिली, आरोपी महिला ऑपरेटर और उसके सहयोगी को तत्काल सेवा से हटा दिया गया.

फिलहाल समाहरणालय स्थित आधार केंद्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. कंपनी के अनुसार, मंगलवार को नए ऑपरेटर की तैनाती के बाद केंद्र दोबारा शुरू कर दिया जाएगा.

इस पूरे मामले का खुलासा हमारे द्वारा की गई पड़ताल में हुआ. संवाददाता के मौके पर पहुंचने पर कई अभिभावकों ने बताया कि उनसे प्रति बच्चे 210 रुपये मांगे गए थे. जब आधार केंद्र पर मौजूद महिला ऑपरेटर से इस बारे में पूछताछ की गई, तो उसने छिपे कैमरे के सामने वसूली की बात स्वीकार कर ली.

प्रशासन के अनुसार बक्सर जिले में फिलहाल 9 अधिकृत स्थानों पर आधार कार्ड बनवाने की सुविधा उपलब्ध है. इनमें समाहरणालय, सदर अस्पताल तथा विभिन्न प्रखंड कार्यालय शामिल हैं. नियम के मुताबिक, नए आधार कार्ड बनवाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता. केवल विवरण सुधार के लिए 50 रुपये और बायोमेट्रिक सुधार के लिए अधिकतम 100 रुपये की राशि निर्धारित है.

यह मामला प्रशासनिक निगरानी की कमी की ओर इशारा करता है, विशेष रूप से तब जब यह सबकुछ समाहरणालय जैसे महत्वपूर्ण परिसर में हो रहा था. जिला प्रशासन की कार्रवाई भले ही सराहनीय हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि निगरानी और जवाबदेही की व्यवस्था को और सशक्त बनाने की आवश्यकता है.

जनता को भी चाहिए कि वे इस तरह की किसी भी अनियमितता की जानकारी छिपाएं नहीं, बल्कि संबंधित विभागों को सूचित करें, ताकि भ्रष्टाचार पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सके.










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