लिफ्ट की सुविधा से न सिर्फ दिव्यांग और वृद्ध वादकारियों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि महिला अधिवक्ताओं और वकीलों के लिए भी यह सुविधा आरामदायक साबित होगी. उन्होंने कहा कि न्यायालय परिसर में सुविधाओं का विस्तार न्याय प्रक्रिया को सुचारु और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
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पूजन करते न्यायाधीश व अधिवक्ता |
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किया शिलान्यास, पूजा-पाठ के साथ हुई विधिवत शुरुआत
- दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए राहत का माध्यम बनेगी लिफ्ट
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित कोर्ट भवन में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित लिफ्ट का विधिवत शिलान्यास किया गया. इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह के साथ अन्य न्यायाधीशगण—मनोज कुमार, उदय प्रताप सिंह, सुदेश श्रीवास्तव, देवराज और रंजना दुबे की उपस्थिति रही. कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा, सचिव बिंदेश्वरी प्रसाद पांडेय समेत अन्य अधिवक्ताओं और कर्मचारियों ने विधिपूर्वक पूजा-पाठ किया.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने कहा कि लंबे समय से कोर्ट परिसर में लिफ्ट की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. विशेष रूप से दिव्यांग जनों, बुजुर्ग पक्षकारों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए यह एक बड़ी सुविधा होगी. अब तक कोर्ट भवन की ऊपरी मंजिलों पर पहुंचना खासकर वृद्ध और दिव्यांग लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण होता था. कई बार उन्हें सीढ़ियां चढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जिससे न्यायिक कार्यों में भी विलंब होता था.
जज ने बताया कि अब लिफ्ट की सुविधा से न सिर्फ दिव्यांग और वृद्ध वादकारियों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि महिला अधिवक्ताओं और वकीलों के लिए भी यह सुविधा आरामदायक साबित होगी. उन्होंने कहा कि न्यायालय परिसर में सुविधाओं का विस्तार न्याय प्रक्रिया को सुचारु और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ता कृपा राय, संतोष दुबे, पिंटू सिन्हा, परमेश्वर सिंह, जितेन्द्र कुमार, लक्ष्मण पांडेय सहित कई अधिवक्ता और कर्मचारी मौजूद रहे. कर्मचारीगण में संतोष दुबे, राजीव कुमार, संजय कुमार, मिश्रा जी और अन्य लोग शामिल रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की.
उल्लेखनीय है कि कोर्ट परिसर में वर्षों से लिफ्ट की मांग की जा रही थी। बार एसोसिएशन के कई अधिवक्ता पूर्व में भी इसे लेकर आवेदन कर चुके थे, लेकिन अब जाकर यह सपना साकार होता दिख रहा है. अधिवक्ताओं ने कहा कि कई बार वृद्ध मुवक्किल अपनी बीमारी या कमजोरी के कारण कोर्ट की ऊपरी मंजिलों तक नहीं पहुंच पाते थे, जिससे उनका पक्ष समय पर नहीं रखा जा पाता था. इससे न्याय मिलने में अनावश्यक देरी होती थी.
वहीं कई अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि कोर्ट में काम करने वाले वकीलों को दिनभर अलग-अलग कोर्ट रूम में ऊपर-नीचे जाना पड़ता है. ऐसे में लिफ्ट की सुविधा उन्हें शारीरिक रूप से राहत देगी और उनके समय की भी बचत होगी.
अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि लिफ्ट का निर्माण कार्य तय समय में पूर्ण होगा और जल्द ही इसका उपयोग शुरू किया जाएगा. यह सुविधा न्यायिक व्यवस्था को और अधिक मानवीय व सुगम बनाने में मील का पत्थर साबित होगी.
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