कहा, "हमारी परंपराएं ही हमारी असली पहचान हैं. जिस तेजी से हम आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से हम अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं. अगर आज हम यज्ञोपवीत जैसे मूल संस्कारों को संरक्षित नहीं करेंगे, तो आने वाले समय में हमारे समाज को ब्राह्मण परंपरा निभाने वाले योग्य आचार्य नहीं मिल पाएंगे."
- राजकुमार चौबे की अगुवाई में सम्पन्न हुआ यज्ञोपवीत संस्कार
- सनातन संस्कृति को संरक्षित करने का लिया संकल्प
- बक्सर में विश्वामित्र सेना ने कराया निःशुल्क जनेऊ संस्कार
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सनातन संस्कृति की रक्षा और परंपराओं को जीवित रखने के उद्देश्य से विश्वामित्र सेना द्वारा रविवार को निःशुल्क यज्ञोपवीत (जनेऊ) संस्कार का भव्य आयोजन किया गया. कार्यक्रम श्रीधराचार्य वेद गुरुकुलम के अध्यक्ष रंगनाथ द्विवेदी के नेतृत्व में पूर्ण विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ. बनारसी दुबे के द्वारा ब्राह्मण बालकों को उपनयन संस्कार के तहत जनेऊ धारण कराया गया.
इस आयोजन में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय सनातन धर्म प्रेमियों ने भाग लिया और इसे सफल बनाने में सक्रिय सहयोग किया. कार्यक्रम के दौरान यज्ञोपवीत धारण करने वाले बच्चों को उपस्थित जनों ने आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
इस अवसर पर विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे स्वयं मौजूद रहे. उन्होंने न केवल आयोजन की सभी व्यवस्थाओं की निगरानी की, बल्कि अपने संबोधन में यज्ञोपवीत संस्कार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "हमारी परंपराएं ही हमारी असली पहचान हैं. जिस तेजी से हम आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से हम अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं. अगर आज हम यज्ञोपवीत जैसे मूल संस्कारों को संरक्षित नहीं करेंगे, तो आने वाले समय में हमारे समाज को ब्राह्मण परंपरा निभाने वाले योग्य आचार्य नहीं मिल पाएंगे."
राजकुमार चौबे ने आगे बताया कि विश्वामित्र सेना द्वारा यह आयोजन हर वर्ष निःशुल्क रूप से कराया जाता है ताकि अधिक से अधिक बच्चों को सनातन परंपरा से जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि यह केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता का प्रयास है.
इस पावन आयोजन में विश्वामित्र सेना के सदस्य अरविंद पाठक, मनीष राय, श्रीकांत दुबे, अभिनीत सिंह सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे. आयोजन के समापन पर सभी ने यज्ञोपवीत संस्कार जैसे आयोजन को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया.
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