पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन के नाम पर सुनियोजित हिंसा : बिनोद चौबे

कहा कि अगर पुलिस भी दंगाइयों से पिट रही है, तो आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा? ऐसी स्थिति में प्रत्येक नागरिक को संगठित होकर आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि दंगाइयों को यह संदेश मिले कि हिंसा के खिलाफ जनता खड़ी है.









                                           


- मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हिंदुओं को बनाया गया निशाना
- ममता सरकार विफल, राष्ट्रपति शासन की मांग उठी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व आइआरएस बिनोद चौबे ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड कानून के विरोध की आड़ में एक सुनियोजित दंगा रचा गया, जिसमें खास तौर पर हिंदू समाज को निशाना बनाया गया.

बिनोद चौबे ने सवाल उठाया कि जब विरोध सरकार के एक कानून के खिलाफ था, तो फिर विशेष समुदाय के लोगों पर हमले क्यों हुए? उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक मानसिकता से प्रेरित दंगा था, जिसे एक तय रणनीति के तहत अंजाम दिया गया.

उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर यह हिंसा हुई, वहां न केवल आम नागरिकों को निशाना बनाया गया, बल्कि स्थानीय पुलिस भी दंगाइयों के हमले से नहीं बच सकी. यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है. ऐसी परिस्थितियों में नागरिकों को आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने के लिए मानसिक और सामाजिक रूप से तैयार रहना होगा.

बिनोद चौबे ने कहा कि अगर पुलिस भी दंगाइयों से पिट रही है, तो आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा? ऐसी स्थिति में प्रत्येक नागरिक को संगठित होकर आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि दंगाइयों को यह संदेश मिले कि हिंसा के खिलाफ जनता खड़ी है.

ममता सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और राज्य सरकार इसे संभालने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वहां तत्काल सख्त कदम उठाए जाएं और राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए.

बिनोद चौबे ने यह भी चेतावनी दी कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह आग देश के अन्य हिस्सों तक भी फैल सकती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी गंभीर खतरा हो सकता है.











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1 Comments

  1. 150 से ज्यादा दंगाई पकड़े गए है जिन्हें बंगाली नहीं आती है और जालीदार टोपी पहने है नाम भी दीपक राकेश सुनील जैसे है यानी हिन्दू है इसका मतलब साफ है कि ये दंगा किसने कराया है पूर्व में 2002 का दंगा गुजरात में कराकर कैसे बीजेपी चुनाव की5ओ थी वहीं फंडा बंगाल में अपनाया जा रहा है

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