गुड टच-बैड टच और साइबर सुरक्षा पर बच्चों को जागरूक कर रही पुलिस

बताया कि किसी भी बच्चे या बच्ची के साथ अगर कोई गलत व्यवहार या अनुचित स्पर्श करता है, तो उसे डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसकी जानकारी तुरंत अपने माता-पिता, अभिभावक या शिक्षक को देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है.

छात्राओं को जागरूक करती थानाध्यक्ष








                                           




  • -राजकीय बुनियादी विद्यालय में महिला थाना द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम
  • बाल संरक्षण, बाल विवाह और पॉक्सो एक्ट की भी दी गई जानकारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : महिला थाने की पुलिस द्वारा बच्चों और छात्राओं को जागरूक करने के उद्देश्य से स्थानीय नगर स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में बच्चों को गुड टच और बैड टच, पॉक्सो एक्ट, साइबर अपराध, बाल संरक्षण और बाल विवाह के प्रति जागरूक किया गया.

कार्यक्रम की अगुवाई महिला थानाध्यक्ष कनिष्का तिवारी ने की. उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि किसी भी बच्चे या बच्ची के साथ अगर कोई गलत व्यवहार या अनुचित स्पर्श करता है, तो उसे डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसकी जानकारी तुरंत अपने माता-पिता, अभिभावक या शिक्षक को देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है.

थानाध्यक्ष ने छात्राओं से संवाद करते हुए उन्हें खुलकर अपनी बात रखने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें किसी प्रकार की परेशानी हो रही है, या कोई असामाजिक तत्व उन्हें परेशान कर रहा है, तो वे इसकी जानकारी महिला थाना को दें. शिकायत के लिए महिला हेल्पलाइन नंबर 1091, बिहार पुलिस की डायल 112 सेवा या महिला थानाध्यक्ष के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर 6207926811 का भी सहारा लिया जा सकता है.

इसके साथ ही साइबर सुरक्षा पर भी बच्चों को विस्तृत जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि सोशल मीडिया और मोबाइल का इस्तेमाल करते समय सतर्कता बरतें. किसी भी अजनबी के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और किसी भी असामाजिक गतिविधि की सूचना तत्काल अपने माता-पिता या पुलिस को दें.

महिला थाना की यह पहल बच्चों को आत्मनिर्भर, सतर्क और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास मानी जा रही है. इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे किसी भी प्रकार की समस्या में सही निर्णय ले सकेंगे.










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