बक्सर में दुर्लभ कृष्ण मृग के लिए रेस्क्यू सेंटर और गायत्री मंत्र थीम पर बनेगा पार्क

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने अपने बक्सर और भोजपुर दौरे के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हरियाली, जैव विविधता और इको-पर्यटन को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.









                                           





- कमलदह पोखर का सौंदर्यीकरण पूर्ण, सोन कैनाल पर रिवरफ्रंट के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश
- बक्सर व भोजपुर की हरियाली और इको-पर्यटन को नई पहचान देने में जुटा वन विभाग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में दुर्लभ कृष्ण मृग की चिकित्सा और सुरक्षा के लिए नावानगर में आधुनिक रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की जा रही है, वहीं मृत सोन कैनाल पर 'गायत्री मंत्र' थीम पर आधारित एक अनोखे पार्क और रिवरफ्रंट के विकास की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने अपने बक्सर और भोजपुर दौरे के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हरियाली, जैव विविधता और इको-पर्यटन को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

उन्होंने बताया कि गोकुल जलाशय (बक्सर) और नथमलपुर भांगड जलाशय (भोजपुर) के संरक्षण की योजना तैयार की गई है, जिससे आर्द्रभूमियों की पारिस्थितिकी सुरक्षित रह सके. कमलदह पोखर का सौंदर्यीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है, जो अब शहरवासियों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन चुका है.

बक्सर जिले में सोन जैव विविधता पार्क और रिवरफ्रंट परियोजना पर भी कार्य जारी है. इसके साथ ही बहियारा मौजा और आरा मुख्य नहर के आसपास जैव विविधता संरक्षण को लेकर अनुश्रवण किया जा रहा है. पर्यावरण मंत्री ने बताया कि इन सभी योजनाओं को समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाएगा.

डॉ. सुनील कुमार ने यह भी जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भोजपुर वन प्रमंडल द्वारा 86,500 पौधे रोपे गए हैं. वर्ष 2025-26 में वीर कुंवर सिंह पार्क (भोजपुर) के विकास की योजना है. इसके अलावा मृत सोन कैनाल क्षेत्र में ‘गायत्री मंत्र’ थीम पर आधारित पार्क और रिवरफ्रंट के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि बक्सर और भोजपुर की हरियाली को बढ़ाने, जैव विविधता को सुरक्षित रखने और आम जनता को पर्यावरण के साथ जोड़ने के लिए यह योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए, ताकि इन जिलों को हरित और पर्यटन के नजरिए से विकसित किया जा सके.









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