वीडियो : जब धर्म बना राष्ट्रनीति का आधार: बक्सर में श्रीमद्भागवत कथा के पावन मंच से गूंजा आह्वान

कहा कि धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, जो नेतृत्वकर्ताओं को ईमानदारी और निष्ठा की राह दिखाता है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि युवा पीढ़ी अध्यात्म से जुड़ जाए, तो राष्ट्र को नई दिशा मिल सकती है.









                                           


- देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा – प्रत्येक राजनेता को होना चाहिए धर्मात्मा- केन्द्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर, पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे सहित अनेक संत-महापुरुष हुए उपस्थित

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत बक्सर की पावन धरती पर पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज की श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हो रहा है. कथा से पूर्व नगर में दिव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिला. ढोल-नगाड़ों, भजनों और पुष्पवर्षा के साथ यात्रा जिस मार्ग से गुजरी, वहां ‘राधे-राधे’ के जयघोष से वातावरण गूंज उठा. विशेष रूप से महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर भाग लिया, जिससे यात्रा की शोभा और बढ़ गई.

कथा के मंच से पूज्य ठाकुर जी महाराज ने गूंजता हुआ संदेश दिया कि प्रत्येक राजनेता को धर्मात्मा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब देश का नेतृत्व धर्म के मार्ग पर चलेगा, तभी भ्रष्टाचार का अंत होगा और राष्ट्र सच्चे अर्थों में रामराज्य की ओर अग्रसर होगा. कथा के दौरान उन्होंने एक प्रसंग माध्यम से बताया कि आज बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षा देने के साथ-साथ संस्कारवान बनाने की भी आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने सनातन बोर्ड की स्थापना के लिए सभी से एक स्वर में आवाज उठाने का भी आग्रह किया.

राजनीति में धर्म की आवश्यकता

पूज्य महाराज ने कहा कि धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, जो नेतृत्वकर्ताओं को ईमानदारी और निष्ठा की राह दिखाता है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि युवा पीढ़ी अध्यात्म से जुड़ जाए, तो राष्ट्र को नई दिशा मिल सकती है.

केंद्रीय मंत्री और पूर्व मंत्री भी हुए सहभागी


कथा में केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त किया. अश्विनी चौबे ने कहा, सनातन धर्म कोई साधारण पंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की शाश्वत प्रणाली है, जिसकी जड़ें हमारी संस्कृति में गहराई से जुड़ी हैं. उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार हेतु एकजुट होने का आह्वान किया.

अन्य संतों का वक्तव्य और उपदेश

गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा दरिद्रता को भी समाप्त कर सकती है. वहीं स्वामी जी ने आज की कथा में युवाओं को चेताया कि मोबाइल के अंधाधुंध उपयोग से युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य खतरे में है और यह समाज के लिए चेतावनी स्वरूप है.

गंगा के महात्म्य का वर्णन

ठाकुर जी महाराज ने गंगा माँ की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गंगा के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है और गंगा स्नान से आत्मा को मोक्ष की ओर मार्गदर्शन प्राप्त होता है.

उपस्थित गणमान्य और आयोजनकर्ता


कथा में राम राजा राम शरण दास, आचार्य भारत भूषण पांडेय, एसडीएम प्रियंका मिश्रा सहित अनेक संत-महापुरुष उपस्थित रहे. कार्यक्रम का आयोजन विजय मिश्र के नेतृत्व में किया गया. साथ ही नगर परिषद की पूर्व चेयरमैन शकुंतला सिंह, कल्लू राय, सौरभ तिवारी, सुनील राम, दीपक सिंह, निशु राय, अविनाश पाण्डेय, राहुल दुबे, अंजय चौबे, रोहित मिश्र, निकु ओझा, अंकित मिश्र, सुशील ओझा, नवीन राय, पीयूष पांडेय भाष्कर सिंह, चन्दन ओझा, अभिनंदन मिश्र, सुमन श्रीवास्तव, बड़े चौधरी, गोपाल जी, छोटे तिवारी, अक्षय ओझा, नारायण उपाध्याय, समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे.

यह आयोजन धर्म और अध्यात्म की उस शक्ति का प्रतीक बना, जो न केवल आत्मा का कल्याण करती है, बल्कि समाज को भी सत्य, सेवा और संस्कार की दिशा में अग्रसर करती है.

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