255.88 करोड़ रुपये की सीवरेज नेटवर्क परियोजना को मंजूरी मिलने से बक्सर के 28 वार्डों में रहने वाले करीब 14,750 परिवारों को आधुनिक सीवरेज सुविधा का लाभ मिलेगा. इस योजना के लागू होने से शहर में जलजमाव और गंदगी की समस्या का स्थायी समाधान होगा.
- अमृत योजना के तहत स्वीकृत हुई योजना, 28 वार्डों के 14,750 घरों को मिलेगा लाभ
- पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी ने भी उठाई थी विकास की मांग, गंगा घाट और डेड नहर के सौंदर्यकरण पर दिया था जोर
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्र सरकार ने अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (AMRUT) के तहत बक्सर शहर के लिए एक बड़ी सौगात दी है. 255.88 करोड़ रुपये की सीवरेज नेटवर्क परियोजना को मंजूरी मिलने से बक्सर के 28 वार्डों में रहने वाले करीब 14,750 परिवारों को आधुनिक सीवरेज सुविधा का लाभ मिलेगा. इस योजना के लागू होने से शहर में जलजमाव और गंदगी की समस्या का स्थायी समाधान होगा.
सांसद सुधाकर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत बक्सर शहर में 112 किलोमीटर लंबा सीवरेज नेटवर्क बिछाया जाएगा. इसके अलावा दो मध्यवर्ती पंपिंग स्टेशन और 1.075 किलोमीटर राइजिंग मेन का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना से बक्सर को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल शहर के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी.
जल्द शुरू होगा कार्य, नगर परिषद करेगा निगरानी
परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से लागू किया जाएगा. स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद जल्द ही निर्माण कार्य की शुरुआत करेंगे. कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र का भी गठन किया जाएगा. नगर परिषद के अनुसार, सभी तकनीकी प्रक्रिया पूरी होते ही टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
मिथिलेश तिवारी ने पहले ही उठाई थी सीवरेज और सौंदर्यकरण की मांग
एनडीए के बक्सर लोकसभा प्रत्याशी रह चुके भाजपा नेता मिथिलेश तिवारी ने 22 अगस्त 2024 को केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण निषाद को पत्र लिखकर बक्सर के समग्र विकास की मांग की थी. अपने पत्र में उन्होंने बक्सर की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा था कि यह भगवान श्रीराम की कर्मभूमि है, जहां उन्होंने महर्षि विश्वामित्र से शिक्षा ली थी और ताड़का, सुबाहु व मारीच का वध किया था.
तिवारी ने पत्र में बक्सर के अहिल्या घाट से जेल घाट तक लगभग 18 गंगा घाटों के निर्माण एवं सौंदर्यकरण, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना, चैनल निर्माण और डेड नहर के पर्यटन स्थल के रूप में विकास की मांग की थी. उन्होंने नमामि गंगे योजना के तहत बक्सर को बनारस की तर्ज पर विकसित करने का सुझाव भी दिया था.
स्थानीय लोग खुश, बक्सर के विकास की दिशा में बड़ा कदम
परियोजना को लेकर शहरवासियों में खासा उत्साह है. उनका मानना है कि वर्षों से लंबित स्वच्छता से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए यह योजना निर्णायक साबित होगी. पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सीवरेज नेटवर्क के निर्माण से गंगा नदी में गंदे पानी का बहाव रुकेगा और शहर की सुंदरता बढ़ेगी.
यह परियोजना न केवल बक्सर के विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे अभियान को भी सशक्त बनाएगी.
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