उन्हें पहले ही राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है. बक्सर जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी इन घाटों का उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार बालू घाटों को 45 छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित किया गया है ताकि छोटे निवेशकों को भी अवसर मिल सके.
- 27 मई से डाउनलोड होंगे निविदा दस्तावेज, अवैध खनन पर भी लगेगी रोक
- सफेद बालू की नीलामी से राजस्व बढ़ाने का लक्ष्य
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में गंगा नदी के बालू घाटों की ई-नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. जिला खनन कार्यालय ने इसकी अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि जिन घाटों की नीलामी की जा रही है, उन्हें पहले ही राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है. बक्सर जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी इन घाटों का उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार बालू घाटों को 45 छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित किया गया है ताकि छोटे निवेशकों को भी अवसर मिल सके.
गंगा नदी के बालू घाटों की नीलामी अगले पांच वर्षों के लिए की जा रही है. इन सभी घाटों में सफेद बालू उपलब्ध है, जो निर्माण कार्यों के लिए आदर्श माना जाता है. नीलामी से एक ओर जहां निर्माण उद्योग को सुलभ दर पर बालू मिलेगा, वहीं दूसरी ओर जिला राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. साथ ही इससे अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण लगाए जाने की उम्मीद है.
महत्वपूर्ण तिथियां
ई-नीलामी प्रक्रिया के तहत इच्छुक बोलीदाता 27 मई से निविदा दस्तावेज buxar.nic.in वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. इसके लिए 20 मई को सुबह 11:00 बजे जिला खनन कार्यालय में प्री-बीड बैठक आयोजित की जाएगी. निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 10 जून शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है. सफल बोलीदाता नवंबर 2025 से बालू खनन कार्य प्रारंभ कर सकेंगे.
अवैध खनन पर कसेगा शिकंजा
इस बार गंगा नदी के छह घाटों को छोटे-छोटे 45 खण्डों में विभाजित किया गया है. इससे न केवल छोटे निवेशकों को लाभ मिलेगा, बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी. इससे बालू की आपूर्ति स्थिर रहेगी और अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगेगी. प्रशासन ने सभी इच्छुक बोलीदाताओं से समय पर आवेदन करने और ई-नीलामी प्रक्रिया के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है.
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