बताया कि तकनीकी साक्ष्यों और पूछताछ में मिले बयानों के आधार पर यह साबित हो गया है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इसमें कुल तीन शूटर शामिल थे.
- मनोरंजन ने बनाया था झूठा लोकेशन प्लान, लेकिन पुलिस के शिकंजे से नहीं बच सका
- एसपी ने किया खुलासा – सुपारी लेकर की गई थी हत्या, तीन शूटर थे शामिल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राजद नेता अर्जुन यादव हत्याकांड में बक्सर पुलिस ने मुख्य नामजद अभियुक्त समेत चार लोगों को गुरुवार को पटना से गिरफ्तार कर लिया जबकि दो अप्राथमिकी अभियुक्त – तूफानी गुप्ता और एक विधि निरुद्ध बालक – पहले ही पकड़ में आ चुके हैं. लेकिन अबकी बार पुलिस ने कहानी को नया मोड़ दे दिया है. एसपी ने प्रेसवार्ता में खुलासा किया कि यह हत्या कोयला ठेकेदारी में वर्चस्व को लेकर रची गई एक साजिश का परिणाम थी और जो कथित शूटर्स पहले पकड़े गए थे उन्होंने हत्या नहीं थी.
एसपी ने बताया कि अर्जुन यादव और मनोरंजन पांडेय के बीच पूर्व से ठेकेदारी को लेकर विवाद था. अर्जुन यादव अपनी राजनीतिक पकड़ के बल पर ठेका पाने की कोशिश कर रहे थे, जिससे मनोरंजन को यह डर था कि वह ठेके से वंचित हो जाएगा. इसी कारण मनोरंजन ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली. हत्या की साजिश पटना के मरीन ड्राइव स्थित एक दुकान पर रची गई, जो गिरफ्तार अभियुक्त मोलू उर्फ अभिषेक राय की है. यहीं बैठकर एक पुराने अपराधी राजा दूबे को सुपारी दी गई. उसने प्रत्येक शूटर के लिए तीन-तीन लाख रुपये देने की बात कही और दो शूटर उपलब्ध कराए.
हत्या से दो दिन पहले ही पहुंचे थे शूटर
हत्या से दो दिन पहले ही शूटर बक्सर पहुंच गए और मनोरंजन के कटरा स्थित ठिकाने पर ठहरे. वहीं उन्होंने हथियार भी छिपाए. राजा दूबे ने अर्जुन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक और व्यक्ति की मांग की, जिसके लिए मनोरंजन ने गोलू उपाध्याय को जिम्मेदारी दी. गोलू लगातार अर्जुन यादव की गतिविधियों की सूचना दे रहा था. 26 मई को जैसे ही अर्जुन यादव वॉटर पाइपलाइन के निरीक्षण के बाद पावर प्लांट गेट के पास पहुंचे, घात लगाए शूटरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. उन्हें तीन गोलियां मारी गयी जिसमें एक कट्टा पहले ही बरामद हो चुका है जबकि दो हथियार शूटर्स के पास होगा है.
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
एसपी ने बताया कि मुख्य साजिशकर्ता मनोरंजन ने पुलिस को गुमराह करने के लिए ‘झूठा लोकेशन प्लान’ तैयार किया था. हत्या के दिन उसने जानबूझकर खुद को मुख्यमंत्री सचिवालय और पटना के अन्य स्थानों पर मौजूद दिखाने की कोशिश की, ताकि वह खुद को घटना से अलग साबित कर सके. लेकिन पुलिस की तकनीकी टीम ने उसकी यह चालाकी नाकाम कर दी.
डेढ़-डेढ़ लाख में खड़े किए फर्जी अभियुक्त
मामला मनोरंजन की तरफ से मुड़ जाए इसलिए उसने राजा दूबे के सहयोग से दो तूफानी गुप्ता तथा एक अन्य विधि विरुद्ध बालक के रूप में ऐसे लोगों को तैयार किया जो गुनाह को स्वीकार कर लें और मामले का रुख मनोरंजन से मोड़ दें. इसके लिए उन्हें घटना के बारे में बारीकी से जानकारी दी गई और फिर पुलिस के समक्ष कुछ ऐसे सुराग रखे गए जिनके माध्यम से पुलिस ने तूफानी और एक अन्य को पकड़ लिया. हालांकि तूफानी के द्वारा मनीष गुप्ता नामक एक अपराधी का नाम लिया गया था जिसके इशारे पर उसने हत्या की बात कही थी.
मनीष गुप्ता के पकड़े जाने पर बदल गया मामले का रुख
इस मामले में मनीष पकड़े जाने पर ज्ञात हुआ कि तूफानी ने गलतबयानी की है. जिसके बाद पुलिस ने दूसरे तरीके से सोचना शुरु किया तो पूरा मामला खुल गया. एसपी ने कहा कि तूफानी और उसके साथी को भी इस मामले में पुलिस साजिशकर्ता के रूप में रख रही है.
तकनीकी साक्ष्य बने मजबूत आधार
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद किया है, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है. एसपी ने बताया कि तकनीकी साक्ष्यों और पूछताछ में मिले बयानों के आधार पर यह साबित हो गया है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इसमें कुल तीन शूटर शामिल थे.
असली शूटर्स समेत शेष आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. सभी संभावित ठिकानों पर नजर रखी जा रही है और जल्द ही बचे हुए अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
वीडियो :;
0 Comments