अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों और स्टाफ की भूमिका भी जांच के घेरे में है. इनसे पूछताछ की जा रही है. साथ ही पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.
- गैंगस्टर शेरू ने जेल से दी थी हत्या की सुपारी, बिजनेस विवाद बना था दुश्मनी की वजह
- पुलिस ने जताई आशंका—कुछ मीडिया संस्थानों ने जांच को भटकाया, कानूनी कार्रवाई की तैयारी
बक्सर टॉप न्यूज, पटना : पारस अस्पताल में 17 जुलाई को हुई चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में पटना पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. हत्या की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड तौसीफ खान को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीन अन्य आरोपी भी पकड़े गए हैं. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि अब तक कुल 9 लोगों की संलिप्तता की पुष्टि हो चुकी है.
एसएसपी ने यह भी खुलासा किया कि इस हत्या की जांच को कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा फैलाई गई झूठी और भ्रामक खबरों ने प्रभावित किया. उन्होंने साफ कहा कि ऐसे मीडिया कर्मियों को भी अभियुक्त बनाया जाएगा और उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जेल से रची गई थी साजिश, 10 लाख की सुपारी में हुई हत्या
पुलिस के अनुसार, हत्या की यह साजिश पश्चिम बंगाल की पुरुलिया सेंट्रल जेल से रची गई थी. वहां बंद कुख्यात अपराधी ओंकार सिंह उर्फ शेरू ने तौसीफ खान से संपर्क किया और चंदन मिश्रा को मारने की सुपारी दी. इस काम के लिए 10 लाख रुपये देने की बात तय हुई थी.
बताया गया कि चंदन और शेरू कभी बिजनेस पार्टनर थे, लेकिन डकैती के सामान के बंटवारे को लेकर दोनों में विवाद हो गया था. इस दुश्मनी ने इतना विकराल रूप ले लिया कि शेरू ने जेल से ही हत्या की पूरी योजना बनवाई.
निशु खान के घर बनी योजना, अस्पताल में चली गोलियां
तौसीफ ने अपने मौसेरे भाई निशु खान के घर पर अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की पूरी रणनीति तैयार की. 17 जुलाई को जब चंदन पटना के पारस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती था, तभी वहां पहुंचकर तौसीफ और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.
सीसीटीवी फुटेज में यह साफ देखा गया कि अपराधी किस तरह आराम से अस्पताल में दाखिल हुए और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए. इस मामले में अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
सुरक्षा गार्ड और स्टाफ की भूमिका पर भी नजर
एसएसपी के मुताबिक अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों और स्टाफ की भूमिका भी जांच के घेरे में है. इनसे पूछताछ की जा रही है. साथ ही पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.
उन्होंने कहा कि अब तक जिन 9 लोगों की भूमिका सामने आई है, उनके खिलाफ साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं, जो मीडिया संस्थान या पत्रकार तथ्यहीन और भ्रामक खबरें प्रसारित कर रहे हैं, उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों को कानूनी प्रक्रिया के तहत अभियुक्त बनाया जाएगा.
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