डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने बरुना बिठलपुर की एक बच्ची की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद उत्पन्न विवाद को लेकर विरोध जताया और आगामी तीन दिनों तक काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया.
- बक्सर के सदर अस्पताल समेत सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों ने जताई नाराजगी, कार्यस्थल पर सुरक्षा की उठी मांग
- हड़ताल के दौरान रूप से चलती रही आपातकालीन सेवाएं
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला के सभी सरकारी अस्पतालों में सोमवार को ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप रही. डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने बरुना बिठलपुर की एक बच्ची की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद उत्पन्न विवाद को लेकर विरोध जताया और आगामी तीन दिनों तक काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया. हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं पूर्ववत सुचारु रूप से चलती रहीं.
सदर अस्पताल परिसर में आयोजित सभा की अध्यक्षता उपाधीक्षक डॉ. नमिता सिंह और संचालन डॉ. संजय कुमार ने किया. डॉक्टरों ने कहा कि इलाज के दौरान दुर्भाग्यवश हुई मौत को लेकर हंगामा और साजिश के तहत एफआईआर दर्ज करना निंदनीय है. चिकित्सकों ने प्रशासन से कार्यस्थल पर समुचित सुरक्षा, एफआईआर की वापसी और अस्पताल में हंगामा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की.
बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलामंत्री आनंद सिंह ने कहा कि डर के माहौल में चिकित्सकीय सेवा देना मुश्किल हो रहा है. आए दिन लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद करते हैं, जिससे चिकित्सकों का मनोबल टूट रहा है. इस बीच यह निर्णय लिया गया कि तीन दिनों तक सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे. इसके बाद भी यदि मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी.
विरोध को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और भासा के सचिव डॉ. संजय कुमार ने भी समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को बिहार स्तर पर ले जाया जाएगा. मौके पर सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती समेत सभी चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.
0 Comments