बक्सर ओपीडी बहिष्कार पर गरमाई सियासत : पंकज उपाध्याय बोले– हड़ताल चोरी और सीनाजोरी, दोषी चिकित्सकों को किया जाए गिरफ्तार ..

बरुना बिठलपुर की एक मासूम बच्ची की मौत के बाद उपजे विवाद पर अब युवा कांग्रेस भी खुलकर सामने आ गई है. पार्टी के प्रदेश महासचिव पंकज उपाध्याय ने चिकित्सकों के इस आंदोलन को "चोरी और सीनाजोरी" करार देते हुए इसे अमानवीय बताया है.









                                           







  • युवा कांग्रेस नेता ने हड़ताल को बताया अमानवीय, बच्ची की मौत पर दर्ज प्राथमिकी में त्वरित कार्रवाई की उठाई मांग
  • अगर पुलिस ने नहीं की गिरफ्तारी तो कांग्रेस छेड़ेगी जनांदोलन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में सोमवार को सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बहिष्कार और तीन दिनों तक काला बिल्ला लगाकर विरोध की घोषणा के बीच सियासत तेज हो गई है. बरुना बिठलपुर की एक मासूम बच्ची की मौत के बाद उपजे विवाद पर अब युवा कांग्रेस भी खुलकर सामने आ गई है. पार्टी के प्रदेश महासचिव पंकज उपाध्याय ने चिकित्सकों के इस आंदोलन को "चोरी और सीनाजोरी" करार देते हुए इसे अमानवीय बताया है.

पंकज उपाध्याय ने कहा कि जिन चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण बच्ची की मौत हुई, उनके समर्थन में पूरा तंत्र हड़ताल पर उतर आया है. यह सीधे-सीधे आम जनता के स्वास्थ्य अधिकारों का हनन है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है, पुलिस उन्हें तत्काल गिरफ्तार करे. अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो कांग्रेस पार्टी जनआंदोलन छेड़ेगी.

उन्होंने कहा कि आंदोलन करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसी भी सरकारी कर्मी को ड्यूटी के समय सेवा रोकने और मरीजों की जान जोखिम में डालने का अधिकार नहीं है. यदि प्रदर्शन करना है तो अवकाश लेकर करें. उन्होंने प्रशासन से मांग की कि हड़ताल में शामिल चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों का एक दिन का वेतन तत्काल प्रभाव से काटा जाए.

बता दें कि रविवार को बक्सर सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाई गई बरुना बिठलपुर की एक बच्ची की मौत हो गई थी. परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही और एंटी रेबीज का इंजेक्शन समय पर न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. इस मामले में कुछ चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी.

इसके विरोध में सोमवार को चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने ओपीडी सेवा का बहिष्कार कर विरोध जताया और तीन दिनों तक काला बिल्ला लगाकर कार्य करने का ऐलान किया. उन्होंने एफआईआर को साजिश बताया और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग उठाई.

विरोध प्रदर्शन की अगुवाई डॉ. नमिता सिंह और डॉ. संजय कुमार ने की. वहीं बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलामंत्री आनंद सिंह और IMA के प्रतिनिधियों ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है. दूसरी ओर कांग्रेस ने इस आंदोलन को जनविरोधी ठहराते हुए अब आंदोलनकारी चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग की है.

पंकज उपाध्याय ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन दोषियों की गिरफ्तारी नहीं करता, तो युवा कांग्रेस जिलेभर में प्रदर्शन करेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने तक पीछे नहीं हटेगी.








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