फाउंडेशन स्कूल की छात्राओं ने सीखा कृषि का आधुनिक विज्ञान ..

छात्राओं को दो समूहों में विभाजित कर विभिन्न तकनीकों और कृषि यंत्रों की प्रत्यक्ष जानकारी दी गई. उन्होंने बीज प्रसंस्करण इकाई और बीज भंडारण गोदाम का अवलोकन किया जहां उन्हें बीजों की ग्रेडिंग, उपचार और संग्रहण की प्रक्रिया समझाई गई.










                                           


  • कृषि विज्ञान केंद्र में हुआ शैक्षणिक भ्रमण, छात्राओं को दिए गए तकनीकी प्रशिक्षण
  • बीज प्रसंस्करण से लेकर जलवायु अनुकूल कृषि तक की ली जानकारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : फाउंडेशन स्कूल, बक्सर की कक्षा 8 की छात्राओं ने 24 जुलाई 2025 को कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), बक्सर का शैक्षणिक भ्रमण किया. इस भ्रमण का आयोजन विद्यालय के विज्ञान संकाय द्वारा किया गया था, जिसमें विज्ञान शिक्षक आदित्य वर्धन, संध्या मैम तथा विद्यालय के प्राचार्य मनोज त्रिगुण ने मार्गदर्शन प्रदान किया.

इस भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को पुस्तकीय ज्ञान से आगे बढ़ाकर उन्हें आधुनिक कृषि प्रणालियों से परिचित कराना था. छात्राओं को दो समूहों में विभाजित कर विभिन्न तकनीकों और कृषि यंत्रों की प्रत्यक्ष जानकारी दी गई. उन्होंने बीज प्रसंस्करण इकाई और बीज भंडारण गोदाम का अवलोकन किया जहां उन्हें बीजों की ग्रेडिंग, उपचार और संग्रहण की प्रक्रिया समझाई गई.

छात्राओं को जलवायु सहनशील फसल प्रणाली की भी जानकारी दी गई. बताया गया कि बदलते मौसम की परिस्थितियों में किस प्रकार टिकाऊ और उत्पादनक्षम कृषि पद्धतियां अपनाई जा सकती हैं. समेकित कृषि प्रणाली के तहत मछली पालन, बागवानी, अनाज उत्पादन और पशुपालन को एकीकृत करने वाले मॉडल भी दिखाए गए.

आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रदर्शन में छात्राओं ने हैप्पी सीडर, निराई, जुताई, छिड़काव और सिंचाई से संबंधित यंत्रों की कार्यप्रणाली देखी. साथ ही फूलगोभी, पत्तागोभी और अन्य सब्जियों की नर्सरी का भ्रमण कर रोपण, रोग प्रबंधन और विकास की विधियों को भी समझा.

कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों ने छात्राओं को सरल भाषा में तकनीकी जानकारी दी. इनमें प्रमुख रूप से वरिष्ठ वैज्ञानिक (प्लांट ब्रीडिंग) एवं प्रभारी प्रमुख हरि गोविंद, वैज्ञानिक (प्लांट प्रोटेक्शन) डॉ. राम केवल, फार्म मैनेजर आरिफ परवेज़, पर्सनल असिस्टेंट रवि चटर्जी और उद्यान विशेषज्ञ किरण भारती शामिल रहे.

प्राचार्य मनोज त्रिगुण ने कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की भावना विकसित करते हैं. साथ ही उन्हें भारतीय कृषि की आधुनिक संभावनाओं से जोड़ते हैं.












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