यह प्रशासनिक फेरबदल ऐसे समय पर हुआ है जब पूर्व एसडीपीओ धीरज कुमार के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय मिश्रा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शराब तस्करी, कानून-व्यवस्था और भागवत कथा विवाद को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे.
शराब तस्करी और भागवत कथा विवाद को लेकर उठाए थे गंभीर आरोप
बरौनी रेल डीएसपी गौरव पांडेय बने बक्सर सदर के नए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ)
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बरौनी रेल डीएसपी गौरव पांडेय अब बक्सर सदर के नए एसडीपीओ होंगे. यह प्रशासनिक फेरबदल ऐसे समय पर हुआ है जब पूर्व एसडीपीओ धीरज कुमार के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय मिश्रा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शराब तस्करी, कानून-व्यवस्था और भागवत कथा विवाद को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे.
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नए एसडीपीओ |
विजय मिश्रा ने अपने पत्र में लिखा था कि धीरज कुमार की तैनाती के बाद बक्सर जिले में अवैध शराब की तस्करी बढ़ गई है. यूपी सीमा से सटे क्षेत्रों के रास्ते बड़ी मात्रा में शराब की आपूर्ति हो रही है. रामरेखा घाट, सारीमपुर, मलहचकिया, वीर कुंवर सिंह सेतु और देवल पुल जैसे इलाकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन स्थानों से लगातार शराब की खेप पहुंचाई जा रही है और पुलिस इसे रोकने में विफल रही है.
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि धीरज कुमार राजद नेताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और एनडीए के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हैं. विजय मिश्रा ने लिखा है कि एसडीपीओ अपने पसंदीदा पुलिसकर्मियों की तैनाती कराकर वाहनों को ‘मैनेज’ कर पास कराते हैं. जब ऐसा नहीं हो पाता तो उस वाहन को पकड़कर मीडिया को दिखाया जाता है और शिकायत करने वाले को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया जाता है.
उन्होंने यह भी मांग की कि धीरज कुमार की संपत्ति की जांच कराई जाए और उन्हें तत्काल किसी महत्वहीन स्थान पर स्थानांतरित किया जाए. उन्होंने यह चेतावनी भी दी थी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है और पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
अब सरकार ने धीरज कुमार का तबादला करते हुए बरौनी रेल डीएसपी गौरव पांडेय को बक्सर सदर का नया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नियुक्त कर दिया है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इसे सामान्य स्थानांतरण बताया जा रहा है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे विजय मिश्रा की शिकायत का असर माना जा रहा है.
अब गौरव पांडेय के कार्यभार संभालने के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिले में शराबबंदी, विधि व्यवस्था और राजनीतिक तनाव की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है.
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