भक्ति का सैलाब : ब्रह्मेश्वर धाम में उमड़े कांवरिया, संजय यादव कर रहे नि:स्वार्थ सेवा ..

शिवभक्त विश्वप्रसिद्ध रामरेखा घाट से उत्तरायणी गंगा का पवित्र जल लेकर ‘मिनी बाबा धाम’ कहे जाने वाले ब्रह्मेश्वर धाम की ओर कूच करते रहे. लाखों की संख्या में कांवरियों की भीड़ को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर एक लेन केवल उनके लिए आरक्षित कर दी गई थी. 









                                           





- एनएच-922 पर कांवरियों के लिए विशेष लेन, सेवा शिविरों में मिल रही राहत
- सामाजिक कार्यकर्ता संजय यादव की एंबुलेंस सेवा सावनभर नि:शुल्क सक्रिय

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सावन की तीसरी सोमवारी पर बक्सर के ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ धाम में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. रविवार रात से ही शिवभक्त विश्वप्रसिद्ध रामरेखा घाट से उत्तरायणी गंगा का पवित्र जल लेकर ‘मिनी बाबा धाम’ कहे जाने वाले ब्रह्मेश्वर धाम की ओर कूच करते रहे. लाखों की संख्या में कांवरियों की भीड़ को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर एक लेन केवल उनके लिए आरक्षित कर दी गई थी. जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किया गया और कई स्थानों पर सेवा शिविरों की भी व्यवस्था रही.

ब्रह्मपुर के एलआइसी अभिकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजय यादव इस मौके पर नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा लेकर रविवार पूरी रात एनएच-922 पर सक्रिय रहे. सोमवार सुबह से वे लगातार जनसेवा में लगे रहे. न केवल अपनी एंबुलेंस, बल्कि निजी वाहन से भी उन्होंने जरूरतमंद श्रद्धालुओं को सहायता दी. रविवार की रात रास्ते में थककर बैठ चुके कई कांवरियों को उन्होंने मदद पहुंचाई. साथ ही एक प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को रात में ही रघुनाथपुर सीएचसी तक पहुंचाया. जबकि एक ई-रिक्शा की बैटरी खत्म हो जाने पर उन्होंने अपने निजी वाहन से उन्हें पहुंचाया.

संजय यादव ने बताया कि उनकी सेवा केवल सावन में नहीं, बल्कि पूरे साल जारी रहती है. किसी दुर्घटना की सूचना मिलते ही वे अपने मित्र विभीषण पासवान के साथ तत्काल मौके पर पहुंचते हैं. उनकी एंबुलेंस में प्राथमिक उपचार की सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं. सावन में जब कांवरियों के पैर फट जाते हैं, तब वे मलहम लगाकर उन्हें राहत पहुंचाते हैं. विशेष चिकित्सा सेवा की आवश्यकता पड़ने पर वह उन्हें सरकारी अस्पताल भी पहुंचाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सेवा को ही उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है. परिवार और समाज दोनों से उन्हें सहयोग मिलता है, जिससे यह सेवा अभियान लगातार जारी रहेगा.









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