सपनों को मिली सजा : बिहार पुलिस में चयनित नेहा ने फांसी लगाकर दी जान ..

नेहा का सपना था कि वह वर्दी पहनकर समाज की सेवा करे. उसने कठिन परिश्रम से बिहार पुलिस में जगह भी बना ली. लेकिन यह सफलता ससुराल वालों को मंजूर नहीं थी.









                                           





  • ससुराल वालों ने रोका, पति ने नहीं दिया साथ, वर्दी पहनने से पहले बुझ गया उजाला
  • मायकेवालों का आरोप—'बेटी को आत्मनिर्भरता की कीमत चुकानी पड़ी जिंदगी से'

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जब सपने ही अपराध बन जाएं और आत्मनिर्भरता जुर्म, तब समाज में जन्म लेती है एक और नेहा की दुखद कहानी. बक्सर जिले के चक्की थाना क्षेत्र की परसिया गांव की नेहा ने अपने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कारण यह कि बिहार पुलिस में चयन के बावजूद उसे नौकरी करने की अनुमति नहीं मिली. ससुराल पक्ष और पति के असहयोग ने उसके सपनों को कुचल दिया.

नेहा की शादी इस साल फरवरी में सिकरौल थाना के कंजिया गांव निवासी जयमंगल ठाकुर से हुई थी, जो बाहर एक निजी कंपनी में काम करता है. नेहा का सपना था कि वह वर्दी पहनकर समाज की सेवा करे. उसने कठिन परिश्रम से बिहार पुलिस में जगह भी बना ली. लेकिन यह सफलता ससुराल वालों को मंजूर नहीं थी.

रविवार की सुबह उसका शव कमरे में फंदे से लटका मिला. जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला, तो परिजनों को शक हुआ. सूचना मिलने पर सिकरौल थाना प्रभारी रिकेश कुमार मौके पर पहुंचे. दरवाजा तोड़ा गया, तो सामने आई एक हृदय विदारक तस्वीर - नेहा की निष्प्राण देह फांसी पर झूल रही थी.

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मायके पक्ष को सूचना दे दी गई है. नेहा के परिजनों का कहना है कि वह शुरू से आत्मनिर्भर बनना चाहती थी. लेकिन ससुराल पक्ष ने नौकरी करने से साफ मना कर दिया और पति ने भी उसका साथ नहीं दिया.

थाना प्रभारी रिकेश कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला है. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. फिलहाल कोई लिखित शिकायत नहीं आई है.

परिवारिक असहमति और सामाजिक बेड़ियों ने एक और शिक्षित बेटी से उसका भविष्य, उसका हक और अंततः उसकी जिंदगी छीन ली.










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