कहा कि शिबू सोरेन ने महाजनी शोषण, नशाखोरी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ जिस आंदोलन का नेतृत्व किया, उसने झारखंड की धरती पर नई चेतना को जन्म दिया. उनके नेतृत्व में चला आंदोलन जंगलों, पहाड़ों और गांवों से निकलकर विधानसभा और संसद तक गूंजता रहा.
- डॉ. मनोज पांडेय बोले – यह एक युग का अंत है
- कहा – आदिवासी चेतना के प्रतीक थे ‘गुरुजी’
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : झारखंड आंदोलन के जननायक, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ‘गुरुजी’ के निधन पर बक्सर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में शोकसभा का आयोजन किया गया. इस शोकसभा की अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी के निलंबित अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने की.
सभा की शुरुआत में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. इसके बाद डॉ. पांडेय ने शिबू सोरेन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका निधन केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि एक पूरे युग का अंत है. उन्होंने कहा कि गुरुजी का जीवन संघर्ष, सेवा और संकल्प की मिसाल रहा है.
डॉ. पांडेय ने कहा कि शिबू सोरेन ने महाजनी शोषण, नशाखोरी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ जिस आंदोलन का नेतृत्व किया, उसने झारखंड की धरती पर नई चेतना को जन्म दिया. उनके नेतृत्व में चला आंदोलन जंगलों, पहाड़ों और गांवों से निकलकर विधानसभा और संसद तक गूंजता रहा.
उन्होंने यह भी कहा कि गुरुजी ने आदिवासी, दलित और वंचित समाज की पीड़ा को राजनीतिक चेतना में बदल दिया और झारखंड को एक अलग पहचान दिलाई. उनके प्रयासों से ही झारखंड राज्य का निर्माण संभव हो सका.
इस शोकसभा में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और समाज के गणमान्य लोगों ने भाग लिया. प्रमुख रूप से त्रिलोकी नाथ मिश्रा, भोला ओझा, विनय कुमार सिंह, त्रिजोगी नारायण मिश्रा, अभय मिश्रा, अजय यादव, राजू यादव, बबन तुरहा, विपिन तुरहा, विश्वकर्मा समाज से रवि शंकर पटवा, राकेश कुमार, झूलन सिंह मास्टर समेत अन्य लोगों ने भी शोक संवेदना प्रकट की.
सभा के अंत में सभी ने शिबू सोरेन के आदर्शों पर चलने और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.
0 Comments