चौसा, सिमरी और दियारा क्षेत्र के कई गांवों से लोग मवेशियों समेत सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. जो लोग गांव नहीं छोड़ पा रहे हैं, वे पूरी रात जागकर अपने घरों और सामान की निगरानी कर रहे हैं.
– चौसा और सिमरी में बाढ़ का कहर, कई गांव जलमग्न
– सड़क संपर्क टूटा, पलायन शुरू, प्रशासन ने चलाई नावें
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश का प्रभाव अब बक्सर में अपना विकराल रूप दिखा रहा है. गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए खतरे के निशान 60.32 मीटर को पार कर रविवार को 60.71 मीटर तक पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट ने चिंता और बढ़ा दी है. रिपोर्ट के अनुसार अगले 24 घंटों में जलस्तर में 27 सेंटीमीटर की और वृद्धि हो सकती है, यानी प्रति घंटे लगभग 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा का जलस्तर चढ़ रहा है.
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सड़क पर चल रही नाव |
गंगा की उफान के साथ ही उसकी सहायक नदियां – कर्मनाशा और ठोरा – भी रौद्र रूप में आ गई हैं. चौसा और सदर प्रखंड के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव में स्थिति गंभीर हो चुकी है, जहां बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच गया है. चौसा-मोहनिया मुख्य सड़क पर तीन फीट तक पानी जमा हो चुका है, जिससे वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. प्रशासन ने इस मार्ग पर नावों के जरिए आवाजाही शुरू की है.
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जलमग्न हुए गांव |
सदर प्रखंड के रामरेखा घाट के पास स्थित विवाह मंडप की छत तक पानी पहुंचने की स्थिति बन गई है. वहीं, जरीगांवा गांव में भी गंगा ने दस्तक दे दी है. इससे ग्रामीणों में डर और अफरा-तफरी का माहौल बन गया है.
सिमरी प्रखंड की हालत भी अलग नहीं है. यहां गंगौली, श्रीकांत राय का डेरा, बेनी लाल का डेरा, तवकल राय का डेरा, कोयलावीर बाबा का डेरा, दली का डेरा, लाल सिंह का डेरा, लक्ष्मीशंकर का डेरा और रामदास राय का डेरा जैसे गांवों का संपर्क मुख्य सड़क मार्ग से पूरी तरह टूट चुका है. इन गांवों में प्रशासन ने राहत और आवागमन के लिए कुल 9 नावों की व्यवस्था की है.
गंगा के तटीय और दियारा क्षेत्र के गांवों में भय और दहशत का माहौल है. भोजपुर जिले के जवनिया गांव में कटाव ने सैकड़ों घरों को जलसमाधि दे दी है. अब बक्सर के नैनिजोर गांव में भी कटाव का खतरा मंडराने लगा है.
प्रशासन ने बाढ़ राहत और बचाव कार्य के लिए चौकसी बढ़ा दी है. जिला प्रशासन द्वारा 24 घंटे संचालित एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिसका संपर्क नंबर 06183-223333 जारी किया गया है. इस पर किसी भी आपात स्थिति में लोग सहायता मांग सकते हैं.
इधर चौसा, सिमरी और दियारा क्षेत्र के कई गांवों से लोग मवेशियों समेत सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. जो लोग गांव नहीं छोड़ पा रहे हैं, वे पूरी रात जागकर अपने घरों और सामान की निगरानी कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, ऐसे में प्रशासन को और तेज गति से राहत कार्यों को अंजाम देना चाहिए.
फिलहाल बक्सर में गंगा का ऐतिहासिक उच्चतम जलस्तर 62.19 मीटर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऊपरी इलाकों में बारिश की यही स्थिति बनी रही, तो गंगा इस बार नया रिकॉर्ड बना सकती है.
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