युवाओं के पलायन, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और सांस्कृतिक उपेक्षा पर चिंता जताते हुए चौबे ने घोषणा की कि चक्की गांव से नई शुरुआत की जाएगी और हर साल 51 गरीब परिवारों की बेटियों का विवाह कराया जाएगा.
- प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद जल्द बनेगा विश्वामित्र कॉरिडोर: राजकुमार चौबे
- सनातन संस्कृति उत्थान कार्यक्रम में बक्सर की ऐतिहासिक पहचान और 10 ठोस मांगों पर जोर
बक्सर टॉप न्यूज़,बक्सर : चक्की गांव में रविवार को आयोजित भव्य सनातन संस्कृति उत्थान कार्यक्रम सह सनातनी सम्मान समारोह में विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने बक्सर से धर्म जागरण का शंखनाद किया. उन्होंने कहा कि बक्सर केवल एक ज़िला नहीं, बल्कि भारत की सनातन चेतना का केंद्र है, जहां भगवान राम ने धर्म और युद्ध का पाठ पढ़ा और विश्वामित्र मुनि ने यज्ञ की रक्षा की. यह वही पावन भूमि है जहां ताड़का, मारीच और सुबाहु जैसे अधर्म के प्रतीकों का अंत हुआ, च्यवन ऋषि ने च्यवनप्राश की खोज की, अहिल्या उद्धार हुआ और पंचकोशी परिक्रमा आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रदान करती है.
उन्होंने कहा कि इतनी महान विरासत के बावजूद बक्सर को कभी उसका उचित सम्मान नहीं मिला. इसके लिए उन्होंने सांसद, विधायक और मंत्रियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि न सड़कों की हालत सुधारी गई, न अस्पतालों की स्थिति, न ही सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजा गया. इस अवसर पर चौबे ने 10 ठोस मांगें रखीं — जिनमें विश्वामित्र मुनि की आदमकद प्रतिमा, च्यवन ऋषि स्मारक, राम-ताड़का युद्ध क्षेत्र को “धर्म युद्ध सर्किट” घोषित करना, पंचकोशी परिक्रमा को राष्ट्रीय तीर्थ पथ का दर्जा देना और “विश्वामित्र कॉरिडोर” का निर्माण शामिल है.
चौबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने पीएमओ को पत्र भेजा था और वहां से फोन पर आश्वासन मिला है कि उनकी बातें संज्ञान में ली गई हैं और कार्य शुरू हो रहा है. इसे उन्होंने बक्सर के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने बिहार के अन्य धार्मिक स्थलों — सीतामढ़ी, गया, अजगैबीनाथ (सुल्तानगंज), मां मुंडेश्वरी (कैमूर), देव (औरंगाबाद) और वाल्मीकिनगर — के विकास की भी मांग की.
बक्सर के युवाओं के पलायन, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और सांस्कृतिक उपेक्षा पर चिंता जताते हुए चौबे ने घोषणा की कि चक्की गांव से नई शुरुआत की जाएगी और हर साल 51 गरीब परिवारों की बेटियों का विवाह कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी का दर्जा, विश्वामित्र आश्रम को अंतरराष्ट्रीय धरोहर का मान और पंचकोशी तीर्थ को राष्ट्रीय पहचान नहीं मिलती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा.
समारोह में कृष्ण शर्मा, राजेश यादव, अनूप सिंह, लाल यादव, परमेश्वर सिंह, दिनेश सिंह, राहुल पांडे, गोवर्धन चौबे, मुनमुन चौबे और अभय चौबे को सनातनी सम्मान प्रदान किया गया. मंच संचालन जिला संयोजक मोहित दुबे ने किया. मौके पर अशोक उपाध्याय, तुलसी निषाद, कन्हैया जी, रमेश पासवान समेत कई लोग मौजूद रहे.
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